यह भी पढ़ें: Nowruz 2023: लखनऊ में नौरोज का पर्व को हर्षोल्लास मनाया गया तराहवी की नमाज का है बहुत महत्व मस्जिदों में होने वाली तराहवी, नमाज-ए-जमात के लिए शहर और आसपास के विभिन्न मौलवियों को आमंत्रित किया जा रहा है। शहर की तमाम मस्जिदों में रोजेदारों की सुविधा के लिए जरूरत की चीजें भी खरीदी जा रही हैं। रमजान इबादत और बरकतों का महीना है। इस महीने में मुसलमान रोजे रखते है, और नमाज के साथ-साथ तिलावते कुरान-ए-पाक करके अल्लाह की इबादत करते है।
यह भी पढ़ें: मोहनलालगंज के काले बीर बाबा मंदिर परिसर में हुआ अश्लील डांस, लोगो ने दर्ज कराई कम्प्लेन घर में पकवान बनाकर मस्जिदों में भेजा जाता है रमजान वह पवित्र महीना है। जिसमें अल्लाह की किताब ‘कुरान” पाक नाजिल हुई। रमजान में जहां पुरुषों और बच्चों की इबादत से मस्जिदों में रौनक रहती है, वही महिलाएं अल्लाह की इबादत करके अपने घरों को रोशन करती है। इसके साथ-साथ रोजाना विभिन्न घराने से तरह-तरह के पकवान बनाकर मस्जिद में भेजे जाते है। जिससे लोग रोजा खोलते है।
यह भी पढ़ें: Kalash Sthapana : चैत्र नवरात्रि पर बेहद बना दुर्लभ योग का संयोग, शुभ मुहूर्त के साथ करें मां की आराधना रमजान के मौके पर रहती है चहल- पहल रमजान के मौके पर पुराने शहर के अकबरी गेट, विक्टोरिया स्ट्रीट, हसनपुरिया, कश्मीरी मोहल्ला, नक्खास,खदरा, पुल गुलाम हुसैन, मौलवीगंज,वजीरगंज, गोलागंज, शीशमहल, काजमैन, नूरबाड़ी, मैदान एलएचखां, हुसैनाबाद, मुफ्तीगंज, नैपियर कालोनी, टापे वाली गली, मुसाहबगंज, शाहगंज, तोप दरवाजा, टूरियागंज, दरगाह रोड, नजफ, हैदरगंज, जनाब वाली गली,पाटानाला आदि क्षेत्रों में काफी चहल-पहल रहती है।
यह भी पढ़ें: गर्मी में कम किराए में AC Bus का लुत्फ लेंगे शहर के लोग, जानिए क्या है किराया रात में दिखता है नवाबों का शहर रमजान में प्रयोग होने वाले तरह-तरह के व्यंजनों की भरमार रहती है, विशेषकर अकबरी गेट पर लोग काफी दूर-दूर से रात में आकर कुलचे-निहारी, बिरयानी, कबाब-पराठा, सीक कबाब, कश्मीरी चाय आदि का भरपूर मजा लेते है।
यह भी पढ़ें: World TB Day: कुपोषण दूर करने में कारगर हैं मोटा अनाज, जानिए कैसे नमाजे तरावीह पढ़ना हर मुसलमान के लिए सुन्नत मौलाना फरंगी महली ने कहा कि अपने देश में 22 मार्च को रमजानुल मुबारक का चाँद देखा जायेगा अगर चाँद हो गया, तो तरावीह उसी रात से शुरू हो जाएगी, और पहला रोजा 23 मार्च को होगा, अगर चांद नहीं हुआ, तो तरावीह 23 मार्च से शुरू होगी, और पहला रोजा 24 मार्च को होगा।
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