प्रधानाध्यापकों को मिलेंगे टैबलेट कानपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि परिषदीय शिक्षा में टीचर्स के शहरी और ग्रामीण कैडर को खत्म किया जाएगा। इसके बाद टीचर्स का ग्रामीण क्षेत्र से शहरी क्षेत्रों में तबादला आसान हो जाएगा। उन्होंने बताया कि मौजूदा स्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षक सरप्लस हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में टीचर्स की संख्या कम है। कैडर खत्म होने के बाद शहरी क्षेत्र में टीचर्स की कमी नहीं रहेगी। उन्होंने यह भी बताया कि खोले गए अंग्रेजी मीडियम के स्कूलों को नई शिक्षा नीति के तहत बंद किया जाएगा। इसके बाद सभी स्कूलों में मातृभाषा में ही पढ़ाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए तैयारी हो चुकी है। प्रधानाध्यापकों को टैबलेट दिए जाएंगे। इस व्यवस्था को लागू करने के लिए एक समिति आईआईटी कानपुर की मदद लेगी, जिसके बाद टेंडर प्रक्रिया होगी।
यह भी पढ़ें- डिप्टी सीएम का ऐलान, संस्कृत के माध्यमिक विद्यालयों में भी जल्द शुरू होगी संविदा पर शिक्षक भर्ती प्राइमरी टीचर्स को पांच साल बाद पदोन्नति का तोहफा बता दें कि इससे पहले बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी ने प्राइमरी टीचर्स को 5 साल बाद पदोन्नति देने का निर्णय लिया था। इसके लिए उन्होंने प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश भी जारी कर दिए हैं। सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ही शिक्षकों को प्रमोशन देने की प्रकिया शुरू हो जाएगी। बता दें कि यूपी में एक लाख चार हजार से ज्यादा प्राथमिक विद्यालयों में करीब तीन लाख सहायक अध्यापक और प्रधानाध्यापक कार्यरत हैं, लेकिन 2016 से ही इनकी पदोन्नति नहीं हो सकी है। जबकि प्राथमिक विद्यालयों में 10 हजार से ज्यादा प्रधानाध्यापक के पद खाली पड़े हैं। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री ने प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापकों की पदोन्नति में वाद लंबित नहीं होने पर उन्हें सर्वप्रथम प्राथमिक प्रधानाध्यापक के पद पर पदोन्नति के लिए निर्देश जारी किए हैं।