बिहार में भी हो रही जांच बिहार के नगरनौसा के गोराईपुर बलबा गांव से राशन कार्ड से जुड़ा एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जिसमें कई परिवार दो दो बार राशन उठा रहे हैं। जबकि कई परिवार ऐसे भी हैं, जिनहोने एक बार भी कई महीनों से राशन नहीं उठाया है। इसकी पहचान और सही जानकारी के लिए लगातार बिहार सरकार भी अपने राज्य में इसको लेकर सिरियस हो चुकी है।
राशन कार्ड का भारत में न सिर्फ राशन लेने के लिए ही इस्तेमाल किया जा रहा है बल्कि कई और कार्य के लिए भी राशन कार्ड का इस्तेमाल किया जा रहा है। राशन कार्ड से आप बैंक खाता खुलवाने से लेकर कई बार वोट करने में भी इस्तेमाल किया जाता है।
कोविड 19 के दौरान फ्री में राशन कोविड-19 महामारी के समय से ही राशन कार्ड पर गरीब परिवारों को फ्री में राशन दिया जा रहा है। जिस कारण से महीने में लाभर्थी दो बार राशन का लाभ उठा रहे हैं, एक बार केंद्र की ओर से राशन दिया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर राज्य सरकारों द्वारा फ्री में राशन दिया जा रहा है।
राशन कार्ड के कई नियम ऐसे हैं, जिसके न जानने पर समस्या पैदा हो सकती। ऐसे में अगर आप भी इस नियम से अनजान है तो आपको नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। बिहार के नगरनौसा के गोराईपुर बलबा गांव से राशन कार्ड से जुड़ा एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जहां फर्जी तरीके से दूसरे व्यक्ति के राशन कार्ड पर कोई अन्य राशन का लाभ ले रहा था। इसे लेकर क्षेत्रीय डीएसओ प्रमोद कुमार ने बताया कि मंडलायुक्त द्वारा ऐसे राशन कार्ड को निरस्त किया जा सकता है, जो फर्जी तरीके से राशन ले रहे हैं। इसके अलावा अनाज का पैसा भी वापस लिया जाएगा।
दिल्ली में भी राशन कार्ड को लेकर कड़े हुए नियम दिल्ली समेत पूरे देश में यह नियम लागू है कि अगर कोई कार्ड होल्डर तीन या चार महीने से राशन का लाभ नहीं ले रहा है तो उसका कार्ड निरस्त कर दिया जाता है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस व्यक्ति को राशन कार्ड की कोई भी आवश्यकता नहीं है, यह व्यक्ति निम्न रेखा वर्ग से ऊपर का है।
झारखंड में 4 लाख लोगों ने कई महीने से राशन नहीं लिया झारखंड सरकार ने चार लाख राशनकार्ड होल्डरों को चिन्हित किया है, जिन लोगों ने कई महीनों से राशन नहीं उठाया है। इसके साथ ही वे लोग भी शामिल हैं, जो 200 क्विंटल धान की ब्रिक्री भी कर रहे हैं और राशन का लाभ भी उठा रहे हैं। सरकार ऐसे कार्ड धारकों के राशन कार्ड निरस्त करने के लिए अभियान की शुरुआत कर दी है। अभी तक 1 लाख लोगों के राशन कार्ड निरस्त किए जा चुके हैं।
कानून में ये प्रावधान गलत दस्तावेजों के आधार पर राशन कार्ड लेना एक गंभीर अपराध की कैटेगरी में आता है। जिसमें आवश्यक वस्तु अधिनियम 1995 की धारा 9 के तहत दंडनीय अपराध है। इसका उल्लंघन करने पर पांच साल तक की कैद का प्रावधान है। कार्ड बनाने के नाम पर रिश्वत लेना भी अपराध है और भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 13(1) डी के तहत एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है। दोष सिद्ध होने पर जेल जाना पड़ेगा।