लखनऊ

यूपीटीईटी पेपर लीक का मास्टरमाइंड लखनऊ में गिरफ्तार, एसटीएफ पूछताछ में बताया राज कैसे किया पेपर लीक

आखिरकार यूपीटीईटी पेपर लीक का मुख्य आरोपी एसटीएफ की गिरफ्त में आ ही गया। कई दिनों से पुलिए और एसटीएफ की आंखों में धूल झोंकने के बाद यूपी स्पेशल टास्क फोर्स ने टीईटी पेपर लीक मामले के मास्टरमाइंड आरोपी डॉक्टर संतोष चौरसिया को लखनऊ के आलमबाग स्थित मवैया मेट्रो स्टेशन से गिरफ्तार किया। इसके बाद पूछताछ में संतोष चौरसिया पूरी कहानी सुना दी। चौरसिया व्यापमं घोटाले में जेल भी जा चुका है।

लखनऊDec 16, 2021 / 11:50 am

Sanjay Kumar Srivastava

यूपीटीईटी पेपर लीक का मास्टरमाइंड लखनऊ में गिरफ्तार, एसटीएफ पूछताछ में बताया राज कैसे किया पेपर लीक

लखनऊ. यूपी स्पेशल टास्क फोर्स ने उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) का पेपर लीक मामले के मास्टरमाइंड आरोपी डॉक्टर संतोष चौरसिया को बुधवार शाम लखनऊ के आलमबाग स्थित मवैया मेट्रो स्टेशन से गिरफ्तार किया। डॉ. संतोष चौरसिया व्यापम घोटाले का भी आरोपी है। आरोपी ने यह स्वीकारा कि, उसने 20 लाख रुपए में पेपर लीक कराने का सौदा किया था। एसटीएफ ने पूछताछ के बाद डॉक्टर संतोष चौरसिया को जेल भेज दिया है। डॉ. संतोष चौरसिया के खिलाफ एक दशक से भी कम समय पहले मध्य प्रदेश को हिला देने वाले व्यापमं घोटाले में अहम भूमिका के लिए ग्वालियर, इंदौर और जबलपुर में करबी आठ मामले दर्ज हैं।
आगरा के बाह का रहने वाला है चौरसिया :- अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, एसटीएफ, अमिताभ यश ने बताया कि, पेपर लीक मामले में डॉ. संतोष चौरसिया लखनऊ के आलमबाग से गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में सामने आया कि वह मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले में जेल जा चुका है। इस मामले में उसके साथ बांदा का निवासी विकास दीक्षित भी जेल गया था। चौरसिया आगरा के बाह का रहने वाला है।
व्यापमं घोटाले में गया था जेल :- दिल्ली के प्रमुख मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने के बाद, चौरसिया सॉल्वर सिंडिकेट में शामिल हो गए और 2013-2014 में मध्य प्रदेश प्री-मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) की ओएमआर शीट में हेराफेरी करके और धोखेबाजों को नियुक्त करके खूब पैसा कमाया। घोटाले में फंसे व्यापमं बोर्ड का भंडाफोड़ होने के बाद उन्हें जेल में डाल दिया गया था।
संतोष ने कुबूला अपनी कारस्तानी :- अमिताभ यश ने बताया कि, संतोष ने कुबूला कि विकास के जरिए उसकी मुलाकात फरवरी 2021 में प्रयागराज के राहुल मिश्रा व अनुराग शर्मा से हुई थी। दोनों नोएडा में रहते हैं। राहुल मिश्रा पेपर लीक कराने का काम करता है। उसका संबंध जौनपुर के वेदीराम के भाई मनीराम से हैं। पूछताछ में सामने आया कि राहुल मिश्रा से टीईटी पेपर के संबंध में बातचीत फार्म भरे जाने के समय से ही हुई थी। उसने बताया था कि ऐसी संस्था को टीईटी परीक्षा का काम दिया जा रहा है। जहां से पेपर लीक हो जाएगा।
वार्ता लगातार चलती रहीं :- संतोष चौरसिया आगे बताया कि, अक्तूबर के अंतिम सप्ताह में लखनऊ आया जहां राहुल मिश्रा से टीईटी परीक्षा का पेपर देने की बात हुई। राहुल मिश्रा को लखनऊ में 3 लाख रुपए दिए। उसके बाद प्रयागराज गया। जहां रोशन पटेल से टीईटी पेपर लेने के संबंध में बात करने के बाद दिल्ली चला गया था।
सौदा 20 लाख रुपए में तय :- पेपर लीक मामले को खुलासा करते हुए मेन आरोपी संतोष चौरसिया बताया कि, 26 नवंबर को नोएडा से लखनऊ पहुंचा। 27 को रोशन पटेल से 8 बजे रात को मुलाकात हुई। राहुल मिश्रा ने 40 लाख रुपए मांगे, इस पर बात वहीं खत्म हो गई। फिर दोबारा वार्ता में सौदा 20 लाख रुपए में तय हो गया।
रात 11.30 बजे मिला यूपीटीईटी का पेपर :- राहुल मिश्रा ने रात 11.30 बजे पेपर को सोशल मीडिया साइट व्हाट्सएप पर भेज दिया। फिर रोशन से बात कर 12 बजे मैंने पेपर भेज दिया। रोशन से पांच लाख रुपए में पेपर का सौदा किया था। इसके अलावा करीब 3 से 4 अपने अन्य करीबी लोगों को भी पेपर भेजा था। जिससे मुझे करीब 10 लाख रुपए मिले थे।
पेपर लीक की खबर सुन लखनऊ से भागा आरोपी :- संतोष चौरसिया बताया कि, जब पेपर लीक के बारे में हल्ला मच गया तो मैंने अपना मोबाइल तोड़कर फेंक दिया और लखनऊ से भाग कर फरीदाबाद, नैनीताल, इंदौर व इटावा में घूमता रहा। इस दौरान दर्जनों सिम व मोबाइल का प्रयोग किया।
एमबीबीएस की डिग्री नकली :- एसटीएफ डिप्टी

एसटीएफ डिप्टी एसपी लालप्रताप सिंह ने कहाकि, आरोपी संतोष चौरसिया के खिलाफ कौशांबी में मुकदमा तो दर्ज ही है वहीं उसके खिलाफ मध्य प्रदेश के ग्वालियर व इंदौर जिले में भी जालसाजी, कूटरचित दस्तावेज, परीक्षा अधिनियम, साजिश रचने जैसे संगीन धाराओं में 6 मुकदमे दर्ज हैं। इसमें पांच ग्वालियर के झांसी रोड थाने में और एक इंदौर के चंदरनगर में दर्ज हैं। पुलिस ने एक और खुलासा किया कि, संतोष ने फर्जी तरीके से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की थी।
यूपीटीईटी रद्द हुई, 20 लाख परीक्षार्थी परेशान :- 28 नवंबर को, सोशल मीडिया पर एक प्रश्न पत्र लीक होने के बाद यूपीटीईटी रद्द कर दिया गया था, जिसमें 39 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। दो पालियों में 2,736 केंद्रों पर कम से कम 20 लाख छात्रों को परीक्षा देनी थी।
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