220 के.वी. के उपकेन्द्रों के नाम
आलोक कुमार ने निर्देश में बताया है कि उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड का आगामी मार्च 2018 तक इस साल का 200 के.वी. और 132 के.वी. के 23 उपकेन्द्रों को ऊर्जीकृत करने का लक्ष्य है। इसलिए 34 केन्द्रों के ऊर्जीकृत होने से सम्बन्धित क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था में बेहतर सुधार किया जाएगा। 220 के.वी. के उपकेन्द्रों के नाम इस प्रकार हैं- सिकन्दरा (जनपद कानपुर), भदौरा (जनपद गाजीपुर), बांसी (जनपद सिद्धार्थनगर), आज़मगढ़-।। (जनपद आज़मगढ़), जी0आई0एस0 उपकेन्द्र कानपुर रोड (जनपद लखनऊ), नीबकरोरी (जनपद फर्रूखाबाद), बछरावां (जनपद रायबरेली), सी0जी0 सिटी (जनपद लखनऊ), सरसावां (जनपद सहारनपुर) एवं साढ़ (जनपद कानपुर)132 के0वी0 उपकेन्द्रों के नाम हैं- अम्बाला रोड-।। (जनपद सहारनपुर), भटहट (जनपद गोरखपुर), इटावा (जनपद सिद्धार्थनगर), कंकरखेड़ा-।। (जनपद मेरठ), बन्नत (जलालपुर) (जनपद शामली), मोरना (जनपद बिजनौर), मुसाफिरखाना (जनपद अमेठी), पसही (जनपद सोनभद्र), पूर्णांछापर भटनी (जनपद देवरिया), सहसवान (जनपद बदायूँ), तालग्राम (जनपद कन्नौज), बरहन (जनपद आगरा) एवं रानीगंज (जनपद प्रतापगढ़)।
प्रमुख सचिव ने बताया है कि पारेषण तंत्र के सुदृढ़ीकरण पर विशेष ध्यान देते हुए वर्तमान विहतम वर्ष में लगभग 49 नग उपकेन्द्रों के ऊर्जीकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
22000 के.वी. क्षमता का उच्चीकरण किया जाएगा
उक्त लक्ष्य में से अद्यतन 26 नग उपकेन्द्र ऊर्जीकृत किए जा चुके हैं। 23 नग उपकेन्द्रों का ऊर्जीकरण मार्च तक प्रस्तावित है। ऊर्जीकरण हेतु लक्षित उपकेन्द्रों हेतु कार्य योजना का गठन कर सतत् गहन अनुग्रहण किया जा रहा है। ऊर्जीकृत उपकेन्द्रों में उल्लेखनीय यह है कि उच्च विभव (765 के.वी. एवं 400 के.वी.) के उपकेन्द्रों के ऊर्जीकरण पर विशेष ध्यान दिया गया है जिसके फलस्वरूप वर्तमान वित्तीय वर्ष में 01 नग 765 के.वी. एवं 7 नग 400 के.वी. उपकेन्द्रों का ऊर्जीकरण सुनिचित किया जा चुका है। इस प्रकार वर्तमान वित्तीय वर्ष में पूर्ण किए जाने वाले विभिन्न पारेषण कार्यों को पूर्णता के फलस्वरूप लगभग 22000 के.वी. क्षमता का उच्चीकरण किया जाएगा।
प्रमुख सचिव ने इसके अतिरिक्त यह भी बताया कि प्रदेशीय पारेषण तंत्र के प्रदेश के बाहर से विद्युत आयात के क्षमता में बढ़ोत्तरी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है एवं इस हेतु आवश्यक वाम चिन्हित कर दिनांक 31.03.2018 तक उनकी पूर्णता सुनिश्चित करने हेतु समस्त प्रयत्न उपक्रम सुनिश्चित किए जाएंगे। उत्तर प्रदेश में स्थापित होने वाली तापीय परियोजनाओं से ससमय ऊर्जा निकासी हेतु आवश्यक पारेषण तंत्र की टी.एी.सी.बी. पद्धति से निर्माण की प्रक्रिया भी प्रारम्भ कर दी गई है।