बदले जाएंगे पुराने मीटर यूपी उपभोक्ता परिषद लगातार घटिया स्मार्ट मीटर व 2जी, 3जी पुरानी तकनीक के स्मार्ट मीटर का विरोध कर रहा था। और नई उच्च तकनीकी आधारित 4जी स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की मांग कर रहा था। अब केंद्र सरकार ने इसे स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही पावर कारपोरेशन ने ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार के सामने पुरानी तकनीकी के लगे 12 लाख स्मार्ट मीटर को 4जी आधारित नई तकनीकी में बदलने की अपनी शर्त भी दोहराई है। जिसे मान लिया गया है।
सिक्योरिटी बिल एडजस्ट करने की मांग यूपी उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहाकि, अब जब एक जुलाई से पूरे प्रदेश में उच्च तकनीकी के 4जी स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगना शुरू होंगे तो पावर कारपोरेशन व बिजली कंपनियों के लिए दो बड़ी समस्या आएंगी। यूपी में 3 करोड़ पोस्टपेड बिजली उपभोक्ता हैं। जिनकी करीब 3665 करोड़ की सिक्योरिटी जमा की गई है। तो जमा सिक्योरिटी को उनके विद्युत बिल में समायोजित करना होगा। दरअसल प्रीपेड मोड में सिक्योरिटी जमा करने का कोई प्रावधान नहीं है क्योंकि विद्युत उपभोक्ता एडवांस में बिजली का भुगतान करेगा।
10 किस्तों में भुगतान की व्यवस्था दूसरी समस्या है बिजली का बकाया। जब उनके संयोजन पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया जाएगा तो उसके लिए एक नया प्रावधान इस व्यवस्था का बनाना होगा कि, एक साथ जो बिजली बकाए का भुगतान न करें उन्हें उनके बकाए के अनुसार, अधिकतम 10 किस्तों में भुगतान की व्यवस्था बनवाई जाए। जैसा कुछ अन्य राज्यों में प्रक्रिया प्रस्तावित है।