आईएमडी के मुताबिक, इस वर्ष जल्द ठंड आएगी। और देर तक शीतलहर से लोगों को कड़ाके की ठंड से रूबरू होना पड़ सकता है। मॉनसून की देर से वापसी और कमजोर अलनीनो से इस वर्ष मौसम का मिजाज बदला हुआ है। आईएमडी के डॉ. कुलदीप श्रीवास्तव का कहना है कि सर्दियों के दौरान हवाएं जमीन से समुद्र की ओर चलती हैं। लेकिन वेस्टर्न डिस्टर्बेंस इस बार उत्तरी व पूर्वी भारत में दिसम्बर से जनवरी तक चलने वाली शीत लहर का इफेक्ट तय करेगी। पाकिस्ताव व अफगानिस्तान से आने वाली हवाओं के और ठंडी होने की संभावना है। इसके चलते यूपी समेत पूरे उत्तर भारत में बारिश के साथ-साथ बर्फबारी के कारण लोगों को परेशानियां हो सकती हैं।
ज्यादा ठंडी का कहर यूूपी के साथ-साथ दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर जैसे राज्य झेलेंगे। समूचे यूपी में इस बार नवंबर के पहले सप्ताह से ही मौसम अपना मिजाज बदलेगा। ठंडी हवाए दस्तक देंगी, वहीं नवंबर मध्य से शीतलहर बढ़ेगी और तामपाम में तेजी से गिरावट आएगी।