यह भी पढ़ें
Prayagraj Hatyakand: बीजेपी मंत्री बोले- अपराधियों को हाय तौबा करने की जरूरत नहीं, चलती गाड़ी पलट भी सकती है
19 साल बाद होगी सदन में कार्रवाईविधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने DGP से सभी दोषी पुलिसकर्मियों को शुक्रवार को विधानसभा में पेश करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सदन में सुनवाई के बाद पुलिसकर्मियों को सजा सुनाई जाएगी। करीब 19 साल बाद पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होने जा रही है।
यह भी पढ़ें: लखनऊ में खेला जा रहा है सट्टा किंग, रहे सावधान
शून्य प्रहर में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने रख प्रस्ताव
शून्य प्रहर में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने 2004 में हुई घटना के जिम्मेदार पुलिसकर्मियों की ओर से किए गए विशेषाधिकार हनन से संबंधित प्रस्ताव रखा। इसमें कहा गया है कि विधानसभा के तत्कालीन सदस्य रहे सलील विश्नोई ने कानपुर के तत्कालीन सीओ समेत पांच अन्य पुलिसकर्मियों की शिकायत की थी।विशेषाधिकार समिति ने 28 जुलाई 2005 को सभी आरोपियों को दोषी करार दिया था। समिति ने दोषी पुलिसकर्मियों को दंडित करने की संस्तुति भी की थी।
शून्य प्रहर में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने रख प्रस्ताव
शून्य प्रहर में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने 2004 में हुई घटना के जिम्मेदार पुलिसकर्मियों की ओर से किए गए विशेषाधिकार हनन से संबंधित प्रस्ताव रखा। इसमें कहा गया है कि विधानसभा के तत्कालीन सदस्य रहे सलील विश्नोई ने कानपुर के तत्कालीन सीओ समेत पांच अन्य पुलिसकर्मियों की शिकायत की थी।विशेषाधिकार समिति ने 28 जुलाई 2005 को सभी आरोपियों को दोषी करार दिया था। समिति ने दोषी पुलिसकर्मियों को दंडित करने की संस्तुति भी की थी।
यह भी पढ़ें: Holi 2023 Celebration: होली में हुड़दंग करना पड़ेगा भारी, जिलाधिकारी ने दिए कड़े आदेश ये पुलिसकर्मी दोषी करार
सीओ अब्दुल समद के अलावा किदवई नगर के तत्कालीन थानाध्यक्ष ऋषिकांत शुक्ला, सब इंस्पेक्टर कोतवाली त्रिलोकी सिंह, सिपाही छोटे सिंह यादव, काकादेव थाने में तैनात वर्तमान में सिपाही विनोद मिश्रा और मेहरबान सिंह को दोषी करार दिया गया है। सीओ को छोड़ सभी पुलिसकर्मी अभी सेवा में हैं। जबकि सीओ अब्दुल समद बाद में दूसरी सेवा में आ गए थे। उसके बाद वह आईएएस होकर रिटायर्ड हो चुके हैं।
सीओ अब्दुल समद के अलावा किदवई नगर के तत्कालीन थानाध्यक्ष ऋषिकांत शुक्ला, सब इंस्पेक्टर कोतवाली त्रिलोकी सिंह, सिपाही छोटे सिंह यादव, काकादेव थाने में तैनात वर्तमान में सिपाही विनोद मिश्रा और मेहरबान सिंह को दोषी करार दिया गया है। सीओ को छोड़ सभी पुलिसकर्मी अभी सेवा में हैं। जबकि सीओ अब्दुल समद बाद में दूसरी सेवा में आ गए थे। उसके बाद वह आईएएस होकर रिटायर्ड हो चुके हैं।