आम आदमी पार्टी अपनी छापामार राजनीति के जरिए फिलहाल स्कूल, अस्पतालों का हाल जानने निकल पड़ी है। यह ऐसे मुद्दे हैं, जनके बल पर वह दिल्ली में एकतरफा जीत हासिल करने में कामयाब रही थी। पार्टी के नेता सूबे में जिले-जिले जाकर व्यवस्थाओं की हकीकत परख अपने दिल्ली मॉडल को लोगों के घर-घर तक पहुंचाने में लग गए हैं। अपने अगले कदम में आप ने विधानसभा चुनावों की तैयारी के लिए 40 विधायकों को जिम्मेदारी सौंप दी है। इनमें अधिकतर वह विधायक हैं, जो यहां से आते हैं या जिनके निर्वाचन क्षेत्र में ज्यादातर यूपी के लोग रहते हैं। विधायकों का यूपी के इन मतदाताओं से अच्छा रिश्ता है, जिसके जरिए वह यूपी की सियासत में कदम रखेंगे। आप के प्रवक्ता वैभव महेश्वरी ने कहा कि 40 विधायकों को कई निर्वाचन क्षेत्र सौंपे गए हैं। उन्हें यूपी में आने, यहां के सदस्यों से बात करने, उनका मार्गदर्शन करने व पार्टी की ताकत तथाकमजोरियों का आकलन करने के लिए कहा गया है। जिससे वे पार्टी के नेतृत्व पर विश्वास कर सकें। इससे भाजपा में भी खलबली मच गई है और सीधे-सीधे पार्टी नेता आप पर पलटवार कर रहे हैं।
यूपी विधानसभा चुनाव के मैदान में जदयू भी उतरेगी। 23-24 जनवरी को जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर लखनऊ में समारोह के बहाने जदयू के अभियान का आगाज होगा। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी पर इसकी जिम्मेदारी होगी। भाजपा से गठबंधन होगा, फिलहाल इसकी संभावनाओं से त्यागी ने इन्कार किया और कहा कि अभी यह तय नहीं है। मगर कर्पूरी जयंती पर कार्यक्रम के बाद गठबंधन की संभावनाओं को टटोला जाएगा। समान विचारधारा वाले दलों से प्रस्ताव आए तो पहल होगी नहीं तो हम अकेले ही लड़ने की तैयारी करेंगे।