चार फीसदी तबादले विभागीय मंत्री करेंगी माध्यमिक शिक्षा विभाग के राजकीय विद्यालयों में कार्यरत कुल प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापकों, प्रवक्ता और सहायक अध्यापकों की संख्या के सापेक्ष अधिकतम दस प्रतिशत तबादले किए जाएंगे। इनमें शिक्षक या शिक्षक के परिजन के असाध्य रोग से पीड़ित होने और उनके पति या पत्नी के भारतीय सेना या अर्द्धसैनिक बलों में तैनात होने पर वरीयता दी जाएगी। अपरिहार्य-प्रशासनिक या फिर जनहित में कार्यरत संवर्ग के चार फीसदी तबादले विभागीय मंत्री कर सकेंगे।
यह भी पढ़ें – रेलवे की नई योजना 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी 100 ट्रेनें, सिर्फ 2.5 घंटे में लखनऊ से पहुंच सकेंगे दिल्ली अध्यापक का होना जरूरी 31 मार्च 2019 के बाद नियुक्त शिक्षक-प्रधानाध्यापक ऑनलाइन तबादले के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे। इच्छुक आवेदक पांच स्कूलों का चयन कर सकेंगे। स्कूलों का वर्गीकरण भी किया गया है। हाईस्कूल में न्यूनतम तीन सहायक अध्यापक और इंटर कॉलेज में दो प्रवक्ता व तीन सहायक अध्यापकों का होना जरूरी है।
यह भी पढ़ें – Bank Holidays in July 2022 : यूपी में जुलाई में कुल कितने दिन बंद रहेंगे बैंक जानें, फौरन निपटा लें अपने काम दूसरे शिक्षक के आने पर ही कार्यमुक्त महत्वाकांक्षी जिले व सौ विकासखंडों में कार्यरत शिक्षक तबादले के लिए आवेदन तो कर सकेंगे, लेकिन उन्हें तब तक कार्यमुक्त नहीं किया जाएगा जब तक उनकी जगह दूसरा शिक्षक कार्यभार ग्रहण नहीं कर लेता।
शैक्षिक गुणांक पर तबादले – स्वयं कैंसर-एचआईवी एड्स, किडनी, लीवर गंभीर रोग ग्रस्त आदि एम्स, पीजीआई के प्रमाणपत्र देने पर – 50 अंक
– स्वयं दिव्यांग (विभिन्न श्रेणियां)- 30 से 50 अंक
– पति-पत्नी या बच्चे को दिव्यांगता, कैंसर, एचआईवी, किडनी, लीवर आदि में एम्स, पीजीआई या राज्य चिकित्सा महाविद्यालय या चिकित्सा बोर्ड के प्रमाणपत्र देने पर -50 अंक
– महिला आवेदक जिनका बच्चा ऑटिस्टिक हैं या 40 फीसदी दिव्यांग- 50 अंक।
– स्वयं दिव्यांग (विभिन्न श्रेणियां)- 30 से 50 अंक
– पति-पत्नी या बच्चे को दिव्यांगता, कैंसर, एचआईवी, किडनी, लीवर आदि में एम्स, पीजीआई या राज्य चिकित्सा महाविद्यालय या चिकित्सा बोर्ड के प्रमाणपत्र देने पर -50 अंक
– महिला आवेदक जिनका बच्चा ऑटिस्टिक हैं या 40 फीसदी दिव्यांग- 50 अंक।