प्रयागराज: संस्कृति, अध्यात्म और परंपरा का संगम
महाकुंभ-2025 का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 तक प्रयागराज में होगा। यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि पर्यटन के दृष्टिकोण से भी ऐतिहासिक बनने जा रहा है। जयवीर सिंह ने कहा, “हमारी प्रतिबद्धता है कि महाकुंभ को अब तक का सबसे भव्य और दिव्य आयोजन बनाया जाए।” इस मेले में देश-विदेश से 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। यह भी पढ़ें
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प्रील्यूड में सांस्कृतिक और आध्यात्मिक प्रस्तुतियों का जलवा
प्रील्यूड कार्यक्रम में विभिन्न देशों के राजदूतों और उच्चायुक्तों को आमंत्रित किया गया है। भूटान, नेपाल, इंडोनेशिया, श्रीलंका, यूएसए, जापान और अन्य देशों के प्रतिनिधि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को करीब से देखेंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रम में विभिन्न कलात्मक प्रस्तुतियां और महाकुंभ पर आधारित फिल्मों का प्रदर्शन भी होगा।महाकुंभ को मिलेगा वैश्विक मंच
महाकुंभ-2025 को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने विशेष प्रयास किए हैं। इस मेले को एक धार्मिक आयोजन से ऊपर उठाकर वैश्विक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन का केंद्र बनाया जा रहा है। जयवीर सिंह ने कहा कि महाकुंभ न केवल आध्यात्मिक अनुभव है बल्कि भारत की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं से जुड़ने का अनूठा अवसर भी है। यह भी पढ़ें
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प्रमुख आकर्षण और आयोजन की झलकियां
प्रदर्शनी और फिल्म प्रदर्शन: महाकुंभ-2025 पर विशेष फिल्में और प्रदर्शनी। संवाद सत्र: आध्यात्मिकता और पर्यटन पर चर्चा। अंतर्राष्ट्रीय उपस्थिति: दुनिया के कई प्रमुख देशों के राजदूतों और प्रतिनिधियों की भागीदारी।महाकुंभ-2025: पर्यटन को मिलेगा नया आयाम
पर्यटन मंत्री ने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करना है। महाकुंभ के जरिए भारत को आध्यात्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनाने की योजना है। विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के सहयोग से आयोजन की तैयारियां जोरों पर हैं। यह भी पढ़ें
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प्रमुख व्यक्तित्वों की उपस्थिति
प्रील्यूड कार्यक्रम में भारत सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी, उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव और विभिन्न विभागों के सचिव भी शामिल हुए। इस भव्य आयोजन ने महाकुंभ-2025 की व्यापकता और महत्व को वैश्विक मंच पर प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया।महाकुंभ के उद्देश्य और तैयारियां
महाकुंभ-2025 का उद्देश्य न केवल अध्यात्म बल्कि समाज को भारत की गौरवशाली सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ना है। इस ऐतिहासिक आयोजन को सफल बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी जरूरी इंतजाम सुनिश्चित किए हैं।महाकुंभ-2025 पर नजर डालें
आयोजन स्थल: प्रयागराज समय अवधि: 13 जनवरी – 26 फरवरी, 2025 संभावित श्रद्धालु: 10 करोड़ से अधिक विशेष आकर्षण: आध्यात्मिकता, सांस्कृतिक कार्यक्रम, संगम स्नान, गंगा आरती। यह भी पढ़ें