यूपी में किसानों के लिए बड़ी खबर, खुलेंगे 5 एक्सीलेंसी सेंटर, कृषि मंत्री ने किया एलान
– राज्य सरकार (UP Government) कृषि क्षेत्र में उत्कृष्टता के पांच केंद्र करेगी (Centres Of Excellence) स्थापित
– विशेष रूप से खाद्यान्नों और दालों की हो सकेगी खेती
– उत्कृष्टता के केंद्रों को दिया गया अंतिम रूप
लखनऊ. राज्य सरकार पहली बार कृषि क्षेत्र में बेहतर उत्पादन के लिए पांच केंद्र स्थापित करेगी, जिन्हें एक्सीलेंसी सेंटर कहा जाएगा। यहां किसानों को ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि विशेष रूप से खाद्यान्नों और दालों की खेती की जा सके। यह पहली बार है जब कृषि के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए एक्सीलेंसी केंद्रों को अंतिम रूप दिया गया है। इन सेंटर्स में गेहूं, सब्जियों, दालों और चावल के अलावा किसानों को बेहतर किसानों के बेहतर किसानी के गुर सिखाए जाएंगे। इसके लिए कानपुर, बांदा, इलाहाबाद, मेरठ और लखनऊ जैसे जिलों चुना गया है।
ये भी पढ़ें- शिक्षामित्रों को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, यूपी सरकार को जारी किया नोटिसयहां स्थापित होंगे पांच केंद्र- गेहूं और सब्जियों के लिए कानपुर में चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय में केंद्र स्थापित किया जाएगा। दालों के लिए अयोध्या में आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय का नाम तय हुआ है। बासमती, सुगंधित और जैविक चावल के लिए मेरठ में केंद्र बनेगा। बांदा में बारिश से प्रभावित क्षेत्र में किसानों को कृषि प्रशिक्षण के अलावा दालों की बेहतर उपज की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके अलावा इलाहाबाद के नैनी में फार्म मैकेनाइजेशन का काम शुरू होगा। किसानों के प्रशिक्षण के लिए रहमानखेड़ा में भी एक्सीलेंसी का एक और केंद्र खुलेगा।
– चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय, कानपुर- गेहूं और सब्जियों– आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय- दाल का प्रशिक्षण – मेरठ- बासमती, सुगंधित और जैविक चावल – बांदा- कृषि प्रशिक्षण और दाल – रहमानखेड़ा- कृषि प्रशिक्षण केंद्र
बुधवार को एक समीक्षा बैठक के बाद, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि बस्ती में इजरायल के सहयोग से एक सब्जी अनुसंधान केंद्र स्थापित किया जाएगा, जो सब्जी उत्पादन और प्रसंस्करण को बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा कि भारत के 22 फीसदी खाद्यान्न उत्पादन में योगदान देकर, यूपी शीर्ष स्थान पर है। उन्होंने कहा कि गेहूं उत्पादन में यूपी आगे है और चावल उत्पादन में भी राज्य सबसे ऊपर आने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि देश की 17 फीसदी आबादी के साथ उत्तर प्रदेश देश के 20 फीसदी खाद्यान्न उत्पादन की पूर्ति करता है और पिछले दो वर्षों में राज्य ने 558 लाख मीट्रिक टन से 594 लाख मीट्रिक टन उत्पादकता बढ़ाई है। कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को राहत देने के लिए, राज्य सरकार ने खाद्य से लेकर कृषि यंत्रों व सोलर पंप तक की सब्सिडी की एक श्रृंखला शुरू की है।
ये भी पढ़ें- लखनऊ समेत यूपी में कई जिलों में मूसलाधार बारिश, हुआ बड़ा हादसा, मौसम विभाग ने दिया बयानसाल के अंत तक किसानों के खाते में पहुंचेंगे 6000 रुपए- हर किसान को सालाना 6,000 रुपये देने की पीएम किसान योजना के सवाल पर उन्होंने कहा कि राज्य में 2.33 करोड़ किसानों में से 1.10 करोड़ किसानों को पहले ही 400 रुपये की अपनी पहली और दूसरी किस्त मिल चुकी है वहीं जल्द ही अंतिम किस्त तकनीकी समस्याओं के समाधान के बाद उन तक पहुंच जाएगी।
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