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घटना का पूरा विवरणविराज अरविंद त्रिवेदी ने इवेंट कराने के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की थी। इस ठगी के चलते वह पुलिस के रडार पर था और फरार हो गया था। सुशांत गोल्फ सिटी थाने में उसके खिलाफ मामला दर्ज था। यूपी एसटीएफ को सूचना मिली कि आरोपी लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी के प्लासियो मॉल के पीछे छिपा हुआ है। इस जानकारी के आधार पर एसटीएफ ने जाल बिछाकर उसे गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी का आपराधिक इतिहास
विराज अरविंद त्रिवेदी पर लखनऊ में तीन, गुजरात के भावनगर में दो और बड़ोदरा में एक मामला दर्ज है। ये मामले धोखाधड़ी और ठगी से जुड़े हैं। इसके अलावा, वह पहले पुलिस की अभिरक्षा से फरार हो चुका है, जिससे उसकी गिरफ्तारी और भी अहम हो जाती है।
विराज अरविंद त्रिवेदी पर लखनऊ में तीन, गुजरात के भावनगर में दो और बड़ोदरा में एक मामला दर्ज है। ये मामले धोखाधड़ी और ठगी से जुड़े हैं। इसके अलावा, वह पहले पुलिस की अभिरक्षा से फरार हो चुका है, जिससे उसकी गिरफ्तारी और भी अहम हो जाती है।
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कैसे की ठगी?विराज ने इवेंट कराने का झांसा देकर लोगों को अपने जाल में फंसाया। उसने महंगे इवेंट और प्रचार-प्रसार के वादे किए और उनसे मोटी रकम वसूल की। जब वक्त आया, तो उसने अपने वादों से मुकरते हुए फरार हो गया।
एसटीएफ की प्रतिक्रिया
एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया, “विराज अरविंद त्रिवेदी की गिरफ्तारी हमारी टीम की एक बड़ी सफलता है। उसके खिलाफ ठोस सबूत हैं, और अब उसे न्यायिक प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि पीड़ितों को न्याय मिले।”
एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया, “विराज अरविंद त्रिवेदी की गिरफ्तारी हमारी टीम की एक बड़ी सफलता है। उसके खिलाफ ठोस सबूत हैं, और अब उसे न्यायिक प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि पीड़ितों को न्याय मिले।”
स्थानीय पुलिस की भूमिका
गिरफ्तारी के बाद, अभियुक्त को सुशांत गोल्फ सिटी थाने लाया गया, जहां उसके खिलाफ पहले से दर्ज मामलों में पूछताछ की गई। स्थानीय पुलिस ने कहा कि अभियुक्त के खिलाफ पुख्ता सबूत मौजूद हैं, और जल्द ही मामले की सुनवाई शुरू होगी।
गिरफ्तारी के बाद, अभियुक्त को सुशांत गोल्फ सिटी थाने लाया गया, जहां उसके खिलाफ पहले से दर्ज मामलों में पूछताछ की गई। स्थानीय पुलिस ने कहा कि अभियुक्त के खिलाफ पुख्ता सबूत मौजूद हैं, और जल्द ही मामले की सुनवाई शुरू होगी।
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पुलिस अभिरक्षा से फरार होने का मामलाइससे पहले विराज अरविंद त्रिवेदी पुलिस अभिरक्षा से फरार हो चुका था। इस घटना ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए थे। एसटीएफ ने इस बार उसे गिरफ्तार करने के लिए व्यापक रणनीति अपनाई और उसे पकड़ने में सफलता पाई।
ठगी का नेटवर्क
जांच में पता चला है कि विराज का ठगी का नेटवर्क सिर्फ उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं था, बल्कि उसने गुजरात के विभिन्न हिस्सों में भी लोगों को ठगा। उसने बड़ोदरा और भावनगर में भी इसी तरह से लोगों को ठगी का शिकार बनाया।
जांच में पता चला है कि विराज का ठगी का नेटवर्क सिर्फ उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं था, बल्कि उसने गुजरात के विभिन्न हिस्सों में भी लोगों को ठगा। उसने बड़ोदरा और भावनगर में भी इसी तरह से लोगों को ठगी का शिकार बनाया।
गिरफ्तारी के बाद की कार्रवाई
गिरफ्तारी के बाद, एसटीएफ ने अभियुक्त से पूछताछ शुरू कर दी है। उससे यह जानने की कोशिश की जा रही है कि इस ठगी के रैकेट में और कौन-कौन शामिल हैं। इसके अलावा, उसकी संपत्तियों और लेन-देन की जांच भी की जा रही है।
गिरफ्तारी के बाद, एसटीएफ ने अभियुक्त से पूछताछ शुरू कर दी है। उससे यह जानने की कोशिश की जा रही है कि इस ठगी के रैकेट में और कौन-कौन शामिल हैं। इसके अलावा, उसकी संपत्तियों और लेन-देन की जांच भी की जा रही है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
इस गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं का तांता लग गया। लोग एसटीएफ की इस कार्रवाई की तारीफ कर रहे हैं। साथ ही, वे ठगी के शिकार हुए लोगों के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं।
इस गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं का तांता लग गया। लोग एसटीएफ की इस कार्रवाई की तारीफ कर रहे हैं। साथ ही, वे ठगी के शिकार हुए लोगों के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं।
राजनीतिक और कानूनी महत्व
विराज की गिरफ्तारी ने एक बार फिर ठगी और धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों पर ध्यान केंद्रित किया है। पुलिस और प्रशासन पर इन मामलों को रोकने और दोषियों को सजा दिलाने का दबाव बढ़ गया है।
विराज की गिरफ्तारी ने एक बार फिर ठगी और धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों पर ध्यान केंद्रित किया है। पुलिस और प्रशासन पर इन मामलों को रोकने और दोषियों को सजा दिलाने का दबाव बढ़ गया है।