UP Rain And Fog Alert: मौसम का बदलेगा मिजाज: फिर होगी बारिश, जानें पूरी जानकारी
ठंड में स्कूल पहुंचने में बच्चों को हो रही दिक्कतेंअत्यधिक ठंड और घने कोहरे के कारण बच्चों को सुबह जल्दी स्कूल जाना मुश्किल हो रहा है। गलन भरी हवाओं और मौसम की कठोरता के चलते बच्चे स्कूल नहीं पहुंच पा रहे हैं। अनिल यादव ने कहा कि इस समय स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बेहद कम हो गई है, जिससे उनकी पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।
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स्कूल का बदला हुआ समय क्यों है जरूरी?शिक्षा विभाग से मांग करते हुए शिक्षक संगठनों ने कहा कि सुबह 7-8 बजे के स्कूल समय में बदलाव किया जाए। ठंड के मौसम में 10 बजे का समय बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए राहतकारी साबित हो सकता है।
- बच्चों की सुरक्षा: ठंड में बच्चों के बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है। समय बदलने से वे आराम से स्कूल आ-जा सकेंगे।
- उपस्थिति में सुधार: समय बदलने से बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी होगी और कक्षाएं सुचारू रूप से चल पाएंगी।
- गुणवत्ता में सुधार: बच्चों के आरामदायक समय पर आने से वे बेहतर तरीके से पढ़ाई में ध्यान दे पाएंगे।
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शिक्षक संगठनों की मांगें और सुझाव
- परिषदीय विद्यालयों का समय बदलें: सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे का समय तय किया जाए।
- अस्थायी बदलाव: यह बदलाव सिर्फ ठंड के मौसम तक सीमित रखा जाए।
- जागरूकता बढ़ाएं: माता-पिता को भी ठंड में बच्चों का ध्यान रखने और उन्हें गर्म कपड़े पहनाने के लिए प्रेरित किया जाए।
- सरकारी आदेश: बेसिक शिक्षा विभाग जल्द से जल्द इस पर आदेश जारी करे ताकि स्कूलों और अभिभावकों को तैयारी का समय मिल सके।
अभिभावकों और बच्चों की राय
अभिभावकों का कहना है कि ठंड के चलते बच्चों को सुबह जल्दी स्कूल भेजना उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। बच्चों ने भी कहा कि कोहरे और गलन में स्कूल जाना मुश्किल होता है। अगर समय बदलता है, तो उन्हें राहत मिलेगी।IAS विशाख अय्यर और अपूर्वा दुबे: प्रशासनिक दंपति की अनोखी कहानी
ठंड का असर और वर्तमान स्थितिउत्तर प्रदेश में इन दिनों न्यूनतम तापमान 5-7 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है। गलन और कोहरे के कारण सुबह के समय दृश्यता भी कम हो जाती है, जिससे छोटे बच्चों के लिए स्कूल आना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।