24 फीसदी लड़कियां करतीं है तम्बाकू का सेवन रिपोर्ट के अनुसार, हर सौ में 23 लड़के-लड़कियां किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन कर रहे हैं। यदि इसे लड़के और लड़कियों के लिहाज से देखें तो 22 फीसदी लड़के और 24 फीसदी लड़कियां तंबाकू उत्पादों का सेवन करते हैं।
यह भी पढ़ें – यूपी विधान परिषद में 7 जुलाई से कांग्रेस साफ, नहीं होगा कोई प्रतिनिधि 2.7 फीसद लड़कियां पीती हैं सिगरेट स्कूली छात्र-छात्राओं पर किए गए इस ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे-4 की रिपोर्ट में 1.9 फीसदी लड़के और 2.7 प्रतिशत लड़कियां सिगरेट पीती हैं जबकि बीड़ी पीने के मामले में लड़कियों की दर लड़कों से दोगुनी है। 1.3 फीसदी लड़के और 2.6 फीसदी लड़कियां बीड़ी पीने की आदी हैं।
यह भी पढ़ें – Weather Updates : कई जिलों में लू का अलर्ट जारी, 17 से बारिश की संभावना बीड़ी का बंडल खरीदती लड़कियां इस रिपोर्ट में कहा गया है कि, करीब 36 फीसदी लड़के एक सिगरेट खरीदकर पीते हैं जबकि लड़कियों में बीड़ी का पूरा बंडल खरीदने की प्रवृत्ति पाई गई है। इसमें से 18 फीसदी ही ऐसी हैं, जो एकल बीड़ी या सिगरेट खरीदती हैं। भविष्य की संभावनाओं की बात करें तो इसमें भी लड़कियां आगे हैं। तंबाकू या धूम्रपान न करने वाले 6.6 फीसदी लड़के निकट भविष्य में इसका सेवन कर सकते हैं जबकि लड़कियों के मामले में यह आंकड़ा लगभग 10 फीसदी है।
गुटखा-तंबाकू छोड़ने में भी लड़कियां नम्बर वन जिस तरह लड़कियां गुटखा-तंबाकू खाने और धूम्रपान में आगे हैं, तो इन्हें छोड़ने की प्रवृत्ति में भी वे लड़कों को मात देती हैं। 12 माह की सर्वे अवधि में 2.8 फीसद लड़कों और 3.7 प्रतिशत लड़कियों ने धूम्रपान छोड़ दिया। जबकि करीब 5 फीसदी लड़कियां छोड़ने का प्रयास कर रही हैं। तंबाकू सेवन मामले में 23.8 फीसदी लड़कों और 29.7 फीसदी लड़कियों ने इसे छोड़ने का प्रयास किया है।
सर्वे में यूपी के 3501 स्कूली बच्चे शामिल पूरे देश में जीवाईटीएस-4 में 97 हजार स्कूली बच्चों को शामिल किया गया जबकि यूपी में सरकारी और निजी स्कूलों के 3501 बच्चों को शामिल किया गया।
बच्चे कहां करते हैं धूम्रपान 37.4 फीसदी घर पर
19.8 फीसदी दोस्तों के घर
13.5 प्रतिशत स्कूलों में
10.8 फीसद सार्वजनिक स्थल
8.9 फीसद सामाजिक कार्यक्रमों में
9.7 फीसद मौके के हिसाब से।
19.8 फीसदी दोस्तों के घर
13.5 प्रतिशत स्कूलों में
10.8 फीसद सार्वजनिक स्थल
8.9 फीसद सामाजिक कार्यक्रमों में
9.7 फीसद मौके के हिसाब से।