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लखनऊ

पांच सालों में छात्रों के स्कूल ड्रॉप ग्राफ में आयी गिरावट, आंकड़े कर देंगे हैरान

UP School update: उत्तर प्रदेश में पिछले पांच सालों में बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले छात्रों की संख्या में गिरावट आई है।

लखनऊJul 04, 2022 / 04:13 pm

Snigdha Singh

School drop graph of students decrease in five years figures will surprise

School drop graph of students decrease in five years figures will surprise

शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक सुधार कर रही योगी सरकार का असर माध्यमिक शिक्षा में सकारात्मक बदलाव के रूप में दिखने लगा है। बीच में पढ़ाई छोड़ने वालों की संख्या में गिरावट आयी है। सत्र 2016-17 में स्कूल से ड्रापआउट करने वालों की संख्या 22.13 फीसद थी, जो बीते पांच सालों में आठ प्रतिशत गिरकर 14.41 फीसद तक पहुँच गयी है। बीच में पढ़ाई छोड़ने के ग्राफ में गिरावट से इंटर तक की शिक्षा ग्रहण वाले विद्यार्थियों की संख्या में इजाफा हुआ है। सरकार ने अगले पाँच साल में ड्रापआउट के परसेंटेज को पांच फीसद और कम करने की कार्ययोजना तैयार की है ।
माध्यमिक विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं में सुधार और बड़े पैमाने पर शिक्षकों के रिक्त पद भरे जाने के बाद शैक्षणिक माहौल बेहतर हुआ है। इसी का प्रभाव है कि रिटेंशन और ट्रांजीशन दर में लगातार इजाफा हुआ है । माध्यमिक विद्यालयों में नामांकन दर भी पांच सालों में काफी बेहतर हुई है। सत्र 2016-17 में रजिस्ट्रेशन करने वालों की संख्या 94 लाख 92 हजार थी, जो शैक्षणिक सत्र 2020-21 में बढ़कर एक करोड़ 27 लाख तक पहुँच गयी । सरकार अगले पाँच सालों में माध्यमिक विद्यालयों में नामांकन करने वाले छात्र/छात्राओं की संख्या में 15 प्रतिशत तक और वृद्धि करने की कार्य योजना तैयार की है। इसी कड़ी में रिटेंशन दर भी 52.04 प्रतिशत से 57.05 फीसद पहुंच गयी । बीते पांच सालों में ट्रांजीशन दर भी 75.26 से बढ़कर 87.05 प्रतिशत तक पहुँच गयी है। अगले पाँच साल की कार्ययोजना के मुताबिक योगी सरकार ट्रांजीशन दर में सात और रिटेंशन दर में पांच प्रतिशत की बढोत्तरी करने का लक्ष्य तय किया है।
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माध्यमिक विद्यालयों में बढ़ीं अवस्थापना सुविधाएं

योगी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में अवस्थापना सुविधा में काफी सुधार किया है। इस दौरान बालिका शौचालय के निर्माण के साथ ही सुरक्षित पेयजल की सुविधा में बढ़ोत्तरी की गयी है । माध्यमिक विद्यालयों में सत्र 2017-18 में 94 लाख 3 हजार बालिका शौचालय बने थे । सत्र 2020-21 में यह संख्या बढ़कर 97 लाख 36 हजार तक पहुँच गयी । माध्यमिक विद्यालयों में बिजली कनेक्शन सत्र 2017-18 में 69.05 प्रतिशत थे । बीते पांच सालों में 72.8 फीसद माध्यमिक विद्यालय बिजली कनेक्शन से जोड़े गये।

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