मुख्य घोषणाएं
दुर्घटना में मृत्यु पर 10 लाख का लाभ: पहले 7.5 लाख रुपये दिए जाते थे, जिसे अब बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है। यह लाभ 1 अक्टूबर 2024 से लागू होने वाले अनुबंधों पर मान्य होगा। दुर्घटना में अपंगता पर क्षतिपूर्ति: पहली बार पावर कॉरपोरेशन ने अपंगता क्षतिपूर्ति का आदेश जारी किया है। किसी कर्मचारी के आंशिक या पूर्ण विकलांग होने पर क्षतिपूर्ति का भुगतान किया जाएगा। विकलांगता प्रतिशत के आधार पर अधिकतम 10 लाख रुपये तक की राशि प्रदान की जाएगी। उदाहरण के तौर पर, यदि कोई कर्मचारी 70% विकलांग होता है, तो उसे 7 लाख रुपये क्षतिपूर्ति दी जाएगी।
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वर्षों की मांग के बाद आया बड़ा फैसलाउत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन निविदा/संविदा कर्मचारी संघ लंबे समय से इन मांगों को लेकर संघर्ष कर रहा था। संघ ने यह मुद्दा बार-बार उठाया कि आउटसोर्सिंग के तहत काम करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा और भविष्य की गारंटी सुनिश्चित होनी चाहिए।
प्रदेश महामंत्री देवेंद्र कुमार पांडेय ने कहा कि “यह हमारी लंबी लड़ाई का परिणाम है। पावर कारपोरेशन प्रबंधन द्वारा इन मांगों को स्वीकार करना कर्मचारियों के लिए बड़ी जीत है। इससे न केवल उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि उनके परिवारों को भी राहत मिलेगी।”
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दुर्घटनाओं में संविदा कर्मचारियों की चुनौतियांबिजली विभाग में काम करने वाले आउटसोर्स कर्मचारी अक्सर जोखिम भरे कार्य करते हैं। बिजली के तारों की मरम्मत और रखरखाव जैसे कार्यों में दुर्घटनाओं की संभावना अधिक रहती है।
महत्वपूर्ण तथ्य
बिजली कर्मचारियों के कार्य के दौरान दुर्घटनाओं की घटनाएं आम हैं।पहले ऐसी घटनाओं में परिवारों को बहुत सीमित मुआवजा मिलता था।
अपंगता की स्थिति में कोई सहायता नहीं दी जाती थी, जिससे कर्मचारी और उनके परिवार वित्तीय संकट में आ जाते थे।
कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम
इस निर्णय के साथ पावर कॉरपोरेशन ने यह सुनिश्चित किया है कि कर्मचारियों के हित सुरक्षित रहें। यह निर्णय न केवल कर्मचारियों की आर्थिक सुरक्षा को बढ़ावा देगा, बल्कि संगठन और कर्मचारियों के बीच विश्वास भी मजबूत करेगा। नए आदेश का प्रभाव, बढ़ेगा कर्मचारियों का मनोबल : नए आदेश से कर्मचारियों को यह विश्वास मिलेगा कि उनकी सुरक्षा और हितों का ध्यान रखा जा रहा है। परिवारों की आर्थिक सुरक्षा: दुर्घटनाओं के बाद परिवारों को मिलने वाली सहायता राशि में वृद्धि से उनके वित्तीय संकट को कम किया जा सकेगा।
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अन्य संगठनों के लिए एक उदाहरण: यह निर्णय अन्य संगठनों को भी प्रेरित करेगा कि वे अपने कर्मचारियों के हित में इसी प्रकार के कदम उठाएं। संघर्ष की कहानी: उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन निविदा/संविदा कर्मचारी संघ के नेतृत्व में कर्मचारियों ने वर्षों तक इन मुद्दों को लेकर संघर्ष किया। धरने, प्रदर्शन, और ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने प्रबंधन को अपनी मांगों की ओर ध्यान दिलाया। संघ के प्रयास
संघ ने कई बार सरकार और प्रबंधन से लिखित और मौखिक रूप से अपनी मांगें रखीं।
दुर्घटनाओं के आंकड़े और कर्मचारियों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया।
कर्मचारियों की एकता और धैर्य ने इस संघर्ष को सफल बनाया।
संघ ने कई बार सरकार और प्रबंधन से लिखित और मौखिक रूप से अपनी मांगें रखीं।
दुर्घटनाओं के आंकड़े और कर्मचारियों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया।
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भविष्य की योजनाएं और उम्मीदेंइस निर्णय के बाद कर्मचारियों को उम्मीद है कि उनकी अन्य मांगों पर भी प्रबंधन विचार करेगा। अन्य प्रमुख मांगें
स्थायी रोजगार की गारंटी।
स्वास्थ्य बीमा और पेंशन जैसी सुविधाएं।
आउटसोर्सिंग प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाना।