वाराणसी जिले की 05, आजमगढ़ की 10, मऊ की 04, बलिया की 07, गाजीपुर की 07, जौनपुर की 09 और देवरिया की 07 सीटों पर राजभर वोटर्स काफी तादात में हैं। एक अनुमान के मुताबिक, यूपी की 66 सीटों पर 80,000 से 40,000 तक और करीब 56 सीटों पर 45,000 से 25,000 तक राजभर वोटर हैं। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में 22 सीटों पर राजभर वोट बैंक का फायदा मिलता दिख रहा था।
बिना सुभासपा के नहीं बनेगी अगली सरकार : अरुण राजभर
सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर का कहना है कि उत्तर प्रदेश के 29 जिलों की 142 विधानसभा सीटों पर राजभर समुदाय के वोटर्स का प्रभाव है। इन सीटों पर सिर्फ राजभर समुदाय के वोटर्स की संख्या 20 हजार से 80 हजार तक है। यह सभी सुभासपा के साथ हैं। अगली बार यूपी में जब भी किसी की सरकार बनेगी बिना हमारे समर्थन के नहीं बनेगी। उन्होंने कहा कि 2022 में सभी के राजनीतिक प्रयोग विफल होंगे। राजभर ही नहीं यूपी की वह सभी जातियां जो वंचित हैं और उन्हें अभी तक प्रतिनिधित्व का मौका नहीं मिला है। उन्होंने ओम प्रकाश राजभर को अपना नेता मान लिया है। अरुण राजभर ने कहा कि अब सुहेलदेव समाज पार्टी कांशीराम की लड़ाई को आगे बढ़ा रही है।
सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर का कहना है कि उत्तर प्रदेश के 29 जिलों की 142 विधानसभा सीटों पर राजभर समुदाय के वोटर्स का प्रभाव है। इन सीटों पर सिर्फ राजभर समुदाय के वोटर्स की संख्या 20 हजार से 80 हजार तक है। यह सभी सुभासपा के साथ हैं। अगली बार यूपी में जब भी किसी की सरकार बनेगी बिना हमारे समर्थन के नहीं बनेगी। उन्होंने कहा कि 2022 में सभी के राजनीतिक प्रयोग विफल होंगे। राजभर ही नहीं यूपी की वह सभी जातियां जो वंचित हैं और उन्हें अभी तक प्रतिनिधित्व का मौका नहीं मिला है। उन्होंने ओम प्रकाश राजभर को अपना नेता मान लिया है। अरुण राजभर ने कहा कि अब सुहेलदेव समाज पार्टी कांशीराम की लड़ाई को आगे बढ़ा रही है।
सुभासपा प्रदेश अध्यक्ष सुनील अर्कवंशी का कहना है राजभर समुदाय के लोग पूरी तरह से पार्टी अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के साथ हैं। इसके अलावा अति पिछड़ा वर्ग की अन्य जातियों का भी समर्थन भी भागीदारी संकल्प मोर्चा को मिल रहा है। ओम प्रकाश राजभर की अगुआई में भागीदारी मोर्चा के तहत 2022 के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा जाएगा।