UP Politics: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लखनऊ स्थित समाजवादी पार्टी के राज्य मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने लोकतंत्र में जनता के विश्वास को ठेस पहुंचाने की बात करते हुए कहा कि लोकतंत्र में सच्ची जीत जनता से होती है, तंत्र से नहीं। उन्होंने भाजपा पर चुनावी धांधली और लोकतंत्र का चीरहरण करने का आरोप लगाया।
लोकतंत्र के नाम पर छलावा
अखिलेश यादव ने कहा कि छल-कपट से जीती हुई जीत एक छलावा होती है, जो न केवल जनता को बल्कि जीतने वाले को भी कमजोर करती है। ऐसी जीत नैतिकता और जमीर को खत्म कर देती है, जिससे अंदरूनी खोखलापन उत्पन्न होता है। उन्होंने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा के नेता ताकतवर दिखने की कोशिश तो करते हैं, लेकिन अंदर से कमजोर और डरपोक होते हैं।
चुनावी प्रक्रिया पर सवाल
उन्होंने आरोप लगाया कि जिन मतदाताओं के उंगलियों पर निशान तक नहीं थे, उनके भी वोट डाले गए। अखिलेश ने कहा कि अगर चुनाव आयोग दस्तावेजों और ईवीएम की फोरेंसिक जांच करे, तो सच्चाई सामने आ जाएगी। उन्होंने भाजपा द्वारा चुनावी मशीनरी का दुरुपयोग करने और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए।
‘इलेक्ट्रॉनिक बूथ कैप्चरिंग’ का आरोप
अखिलेश यादव ने इसे ‘नए जमाने की इलेक्ट्रॉनिक बूथ कैप्चरिंग’ करार दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा की बदनीयत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समुदाय से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों को चुनाव प्रक्रिया से हटा दिया। यदि धांधली नहीं होती, तो भाजपा एक भी सीट नहीं जीत पाती।
भाजपा की सत्ता की भूख और जनता का आक्रोश
अखिलेश ने कहा कि भाजपा की सत्ता की भूख ने उन्हें नैतिक रूप से दिवालिया बना दिया है। महंगाई, बेरोजगारी और चुनावी धांधली से आक्रोशित जनता भाजपा की हार का संकेत दे रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा को गरीब, पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक, किसान, मजदूर, व्यापारी, महिलाएं, और युवा—किसी का भी समर्थन प्राप्त नहीं है।
‘लोकतंत्र का चीरहरण’ और जनता का दर्द
उन्होंने कहा कि भाजपा की नीतियां गरीब और वंचित वर्गों के खिलाफ हैं। भाजपा राज में महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की दुर्दशा, जीएसटी के भ्रष्टाचार, और सरकारी कर्मचारियों के उत्पीड़न ने आम जनता का विश्वास खो दिया है। अखिलेश ने दावा किया कि जनता भाजपा की नीतियों और चुनावी प्रक्रिया से पूरी तरह आक्रोशित है।
भाजपा को 5% वोट भी नहीं मिलते – अखिलेश
उन्होंने कहा कि भाजपा को 5 प्रतिशत से भी कम वोट मिलते हैं और उनकी जीत केवल तंत्र की हेराफेरी के कारण होती है। कुंदरकी विधानसभा उपचुनाव में दो तरह की मतदाता पर्चियां बांटने का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को शर्मसार करने वाली यह घटना भाजपा के इरादों को साफ करती है।
भाजपा की बुनियाद हिल चुकी है
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा यह सोचती है कि परिणामों से पीडीए हताश होगा, लेकिन ऐसा नहीं है। पीडीए का दर्द का रिश्ता भाजपा को कमजोर करता रहेगा। उन्होंने भाजपा की बुनियाद हिलने का दावा करते हुए कहा कि जनता अब भाजपा को वोट नहीं देगी।
#लोकतंत्र_बचाओ: जनता की आवाज़
यह बयान केवल राजनीतिक आरोप नहीं, बल्कि लोकतंत्र की सच्चाई के लिए एक चेतावनी है। अखिलेश यादव के इस बयान से यह स्पष्ट है कि लोकतंत्र और चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करना आज की सबसे बड़ी चुनौती है।
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