राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो भाजपा विरोधी छोटे दलों का आस्तित्व बड़े दलों के साथ ही है। ऐसे में उनके लिए समाजवादी पार्टी ही सबसे अच्छा विकल्प है। क्योंकि, फिलहाल यूपी में कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी आस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ते दिख रहे हैं। सपा की कोशिश छोटे दलों से गठबंधन कर पूरे यूपी में बीजेपी को घेरने की है। पश्चिमी यूपी में समाजवादी पार्टी रालोद और भीम आर्मी के साथ, पूर्वांचल में महान दल और सुभासपा के साथ मिलकर भाजपा का विजय रथ रोकेगी। इसके अलावा राजा भैया और शिवपाल यादव भी पार्टी की मजबूती बढ़ाएंगे।
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पूर्वांचल है सबके लिए अहमपूर्वांचल के 28 जिलों में 162 विधानसभा सीटें हैं जो सूबे की राजनीतिक दशा और दिशा तय करते हैं। इसीलिए कहा भी जाता है कि जिसने भी पूर्वांचल जीता, यूपी में सरकार भी उसकी बनी है। 2017 में भाजपा ने पूर्वांचल में 115 सीटें जीती थीं। 2012 में पूर्वांचल में 102 सीटें जीतकर सपा सत्ता में आई थी। ऐसे ही वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने 85 सीटें जीतकर सत्ता हासिल की थी। इस बार बीजेपी सहित सभी दलों का फोकस पूर्वांचल पर ही है। सपा और सुभासपा के मिलकर विधानसभा का चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद पूर्वांचल की सीटों का समीकरण बिगाड़ सकता है।
2017 विधानसभा चुनाव का रिजल्ट
2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने पूर्वांचल की 115 सीटों पर कब्जा जमाया था, जबकि समाजवादी पार्टी 17, बसपा 14, कांग्रेस 02 और अन्य को 16 सीटें मिली थीं।
2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने पूर्वांचल की 115 सीटों पर कब्जा जमाया था, जबकि समाजवादी पार्टी 17, बसपा 14, कांग्रेस 02 और अन्य को 16 सीटें मिली थीं।
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