ये भी पढ़ें- बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा- विकास दुबे ने सबसे ज्यादा ब्राह्मणों की हत्या की यूपी पुलिस ने दुबे समेत उसके गुर्गों को मार गिराए जाने संबंधी तथ्य सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को रखे। कोर्ट को बताया गया कि विकास दुबे व उसके गुर्गे दुर्दांत अपराधी थे। इन सभी के एनकांउटर को फर्जी कहना गलत है। यह मुठभेड़ फेक नहीं थी। यूपी पुलिस ने कहा कि एनकाउंटर सही थे। यूपी पुलिस ने कहा, तेलंगाना सरकार ने अपने यहां हुए एनकाउंटर मामले में मजिस्ट्रेटी जांच या न्यायिक आयोग का आदेश नहीं दिया था। जबकि, यूपी ने एक जांच आयोग और एक विशेष जांच दल का गठन किया है। गौरतलब है कि दिसंबर 2019 में तेलंगाना में हुए रेप कांड में चार आरोपियों का एनकाउंटर हुआ था। इन चारों आरोपियों पर महिला वेटेरनरी डॉक्टर के साथ रेप का आरोप था।
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विकास दुबे और उसके गुर्गे के एनकाउंटर मामले की सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में जांच सीबीआई, एनआइए या एसआइटी से करवाने की मांग की गई है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट से मामले की खुद निगरानी करने को कहा गया है। अब सोमवार, 20 जुलाई का मामले की अगली सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने यह संकेत दिए हैं कि इस मामले की जांच के लिए किसी आयोग का गठन किया जा सकता है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि वह इस मामले की हर रोज हो रही जांच के आधार पर निगरानी नहीं कर सकता है।
विकास दुबे और उसके गुर्गे के एनकाउंटर मामले की सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में जांच सीबीआई, एनआइए या एसआइटी से करवाने की मांग की गई है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट से मामले की खुद निगरानी करने को कहा गया है। अब सोमवार, 20 जुलाई का मामले की अगली सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने यह संकेत दिए हैं कि इस मामले की जांच के लिए किसी आयोग का गठन किया जा सकता है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि वह इस मामले की हर रोज हो रही जांच के आधार पर निगरानी नहीं कर सकता है।