Lucknow Police: राजधानी में हर पुलिसकर्मी की जवाबदेही तय, थानों में कामों का हुआ बंटवारा
डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और फिजिकल टेस्ट
डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और फिजिकल टेस्ट (डीवी-पीएसटी) जोनल मुख्यालय पर आयोजित किया जाएगा। हर अभ्यर्थी को उसके नजदीकी जोनल मुख्यालय पर बुलाया जाएगा, जबकि दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को उनके राज्य के नजदीकी यूपी के जोनल मुख्यालय पर बुलाया जाएगा। उदाहरण के लिए, बिहार के अभ्यर्थियों को गोरखपुर या वाराणसी, राजस्थान के अभ्यर्थियों को आगरा, और हरियाणा व पंजाब के अभ्यर्थियों को मेरठ बुलाया जाएगा।प्रशिक्षण की चुनौती
भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी अभ्यर्थियों को प्रशिक्षित करने में लंबा वक्त लग सकता है, क्योंकि प्रदेश सरकार के पास इतनी बड़ी संख्या में सिपाहियों को एक साथ प्रशिक्षित करने के पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। वर्तमान में, उत्तर प्रदेश में पुलिस कर्मियों के प्रशिक्षण के लिए 11 पुलिस प्रशिक्षण केंद्र, कॉलेज, और स्कूल हैं, जिनमें कुल 12,000 कर्मियों को प्रशिक्षित करने की क्षमता है। इसके अतिरिक्त, पीएसी बटालियनों की 103 इकाइयां भी हैं, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों को प्रशिक्षित करना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।अखिलेश यादव का बड़ा आरोप: सुल्तानपुर एनकाउंटर को बताया ‘नकली’, सत्ता पक्ष पर साधा निशाना!
दिसंबर में रिजल्ट: यूपी सिपाही भर्ती का परिणाम दिसंबर के अंत तक जारी होगा।प्रशिक्षण की चुनौती: 12,000 पुलिस कर्मियों की प्रशिक्षण क्षमता के साथ सरकार को प्रशिक्षण में होगी परेशानी।
भर्ती प्रक्रिया के चरण: तीन चरणों में होगी चयनित अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग।