UP Panchayat Election Results 2021 के बाद सूबे के राजनीतिक दल एक बार फिर नई तरह से रणनीति बनाते नजर आएंगे। बीजेपी सभी जिलों में जीत का दावा कर रही थी, लेकिन उसके लिए सपा के किले अभेद्य साबित हुए। कई जिलों में टक्कर बराबरी की हुई है। खासकर पश्चिमी उत्त प्रदेश में किसान आंदोलन की वजह से भारतीय जनता पार्टी को बड़ा नुकसान होता दिख रहा है। कई जिलों में सपा-रालोद गठबंधन बीजेपी से आगे निकल चुका है। चुनावी नतीजों को देखते हुए समाजवादी पार्टी अपने सहयोगी दल रालोद के अलावा प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया सहित कई छोटे दलों से गठबंधन कर सकती है। इटावा में जिस तरह से अखिलेश-शिवपाल के गठबंधन ने बीजेपी को सपा के गढ़ में कमल खिलाने नहीं दिया, पार्टी यह दांव आगे भी आजमाना चाहेगी। मायावती के सामने सबसे बड़ी चुनौती कभी पार्टी की ताकत रहे वोटर्स को फिर से साथ जोड़ना है, जबकि कांग्रेस और भीम आर्मी सहित अन्य पार्टियां दलित मतदाताओं में सेंध लगाने को प्रयासरत हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के सामने बूथ स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं को मजबूत करने की चुनौती होगी।
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2022 का सेमीफाइनल हैं पंचायत चुनाव?
उत्तर प्रदेश में ऐसा पहली बार है जब पंचायत चुनाव के नतीजों को आगामी विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha Chunav 2022) का सेमीफाइनल माना जा रहा है। राजनीति के जानकारों का कहना है कि गांव में जिसकी सरकार होगी, 2022 में दबदबा भी उसी दल का होगा। इसे देखते हुए सभी राजनीतिक पार्टियों ने पूरे दमखम के साथ यूपी विधानसभा चुनाव लड़ा था।
1721 सीटों पर रुझान
यूपी पंचायत चुनाव में Jila Panchayat Sadsya की 3050 सीटों पर काउंटिंग चल रही है। खबर लिखे जाने तक 1721 सीटों के रूझान/नतीजे सामने आए हैं, जिनमें से 547 सीटों पर बीजेपी, 452 सीटों पर समाजवादी पार्टी, 155 सीटों पर बहुजन समाज पार्टी, 61 सीटों पर कांग्रेस और 568 सीटों पर अन्य आगे चल रहे हैं, जिनमें से बड़ी संख्या निर्दलीय प्रत्याशियों की है।
यूपी पंचायत चुनाव में Jila Panchayat Sadsya की 3050 सीटों पर काउंटिंग चल रही है। खबर लिखे जाने तक 1721 सीटों के रूझान/नतीजे सामने आए हैं, जिनमें से 547 सीटों पर बीजेपी, 452 सीटों पर समाजवादी पार्टी, 155 सीटों पर बहुजन समाज पार्टी, 61 सीटों पर कांग्रेस और 568 सीटों पर अन्य आगे चल रहे हैं, जिनमें से बड़ी संख्या निर्दलीय प्रत्याशियों की है।