हाईकोर्ट ने जताई थी आपत्ति बता दें कि शुक्रवार को हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान चुनाव पूर्व आरक्षण तय किए जाने की प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगाते हुए जवाब मांगा था। याचिका में इस बात पर आपत्ति जताई गई थी कि जब रोटेशन के मुताबिक वर्ष 2015 के आधार पर आरक्षण तय किया जाना चाहिए लेकिन चुनाव में वर्ष 1995 को आधार वर्ष मानते हुए आरक्षण तय किए जा रहे हैं। कोर्ट के आदेश अनुसार, शनिवार को शासन में जवाब तैयार करवाया जा रहा था। शासन के जवाब की मूल भावना यह होगी कि बीते चुनावों में आरक्षण में रोटेशन की मूल भावना का पालन नहीं किया गया। बीते पांच चुनावों में जिस आरक्षण को नजरअंदाज किया गया है, उसको प्राथमिकता देने के लिए बीते चुनावों के आरक्षण को देखा जा रहा है।
पंचायत राज एक्ट में 11वां संशोधन यूपी सरकार ने हाल ही में पंचायत राज एक्ट में 11वां संशोधन किया है। संशोधन के अनुसार इसमें कहा गया है कि जिन जिलों में नए सिरे से परिसीमन होगा, उसमें नए सिरे से आरक्षण लागू करने के बजाय रोटेशन की प्रक्रिया को तवज्जो दी जाएगी।