पत्नी चुनावी मैदान में हाथी सिंह ने पत्नी को चुनावी मैदान में उतारा है। दरअसल, गांव की प्रधान सीट आरक्षित हो गई थी जिसके बाद युवक ने आनन-फानन में यह कदम उठाया और पंचायत चुनाव के लिए शादी कर अपनी पत्नी को उम्मीदवार बना दिया। हाथी सिंह लंबे समय से सामाजिक कार्यों में भागीदारी रहे हैं। उन्हें समाजसेवा पसंद है और इसी के चलते उन्होंने विवाह नहीं करने का संकल्प लिया था।
चुनाव के लिए पिछड़ा वर्ग की महिला से निकाह उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में चुनाव जीतने के लिए पिछड़ा वर्ग की महिला से एक व्यक्ति का निकाह करना चर्चा का विषय बन गया है। बीते दिनों फर्रुखाबाद के एक इलाके में ग्राम पंचायत की सीट आरक्षित हुई तो निवर्तमान प्रधान पुत्र ने पिछड़ा वर्ग की महिला से झट पट निकाह कर डाला। दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने राज्य सरकार एवं राज्य चुनाव आयोग इस चुनाव के लिए 2015 को आधार वर्ष मानकर आरक्षण की व्यवस्था करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सरकार व आयोग को दस दिन का और समय भी प्रदान किया है। इसके अलावा 25 मई तक समस्त चुनावी प्रकिया पूरी करने का आदेश दिया है।
पंचायत चुनाव को लेकर आरक्षण प्रक्रिया के बाद जैसे ही घोषणा हुई तो सीट पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित कर दी गई। इस पर ब्लॉक क्षेत्र की एक ग्राम पंचायत में निवर्तमान प्रधान के पुत्र ने चुनाव लड़ने के लिए पहली पत्नी के होते हुए भी पड़ोसी जिले की पिछड़ा वर्ग की एक महिला से निकाह कर लिया। यह बात उसने अपनी पत्नी के साथ-साथ घर में किसी को भी नहीं बताई। लोगों के बीच यह शादी चर्चा में रही।