ये भी पढ़ें- यूपी: कोरोना के फिर बढ़े मामले, चार बच्चों की कार में मौत, विधायक व पूर्व मंत्री का निधन यूपी पंचायत चुनाव में लगे लगभग 706 शिक्षकों की मौत को लेकर सियासत गरमा गई है। प्रमुख विपक्षी दल शिक्षकों की लड़ाई में उनके साथ उतर आए हैं। परिवारीजनों को 50-50 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की गयी है। जबकि चुनाव आयोग का कहना है कि राज्य सरकार मृतक कर्मचारियों के परिजनों को प्रति कर्मचारी 30 लाख का मुआवजा दे रही है। इस तरह से 77 कर्मचारियों के परिजनो ंको दो करोड़ 31 लाख का मुआवजा बांटा जाएगा।
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कोविड से मौत पर मुआवजे को लेकर सभी सरकारी विभागों को अभी नए शासनादेश का इंतजार है। पुराने शासनादेश के आधार पर सहायता प्रस्ताव की मंजूरी में दिक्कतें आ रही हैं। नए आदेश में कोविड से जुड़े कामों में लगे कार्मिकों की मौत पर आश्रितों को 50 लाख रुपए दिए जाने का प्रावधान है। शिक्षक संघ का कहना है कि फिर चुनाव में मरने वालों के परिजनों को सिर्फ 30 लाख ही क्यों।
कोविड से मौत पर मुआवजे को लेकर सभी सरकारी विभागों को अभी नए शासनादेश का इंतजार है। पुराने शासनादेश के आधार पर सहायता प्रस्ताव की मंजूरी में दिक्कतें आ रही हैं। नए आदेश में कोविड से जुड़े कामों में लगे कार्मिकों की मौत पर आश्रितों को 50 लाख रुपए दिए जाने का प्रावधान है। शिक्षक संघ का कहना है कि फिर चुनाव में मरने वालों के परिजनों को सिर्फ 30 लाख ही क्यों।
135 की मौत पर जारी हुई थी नोटिस
उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ ने राज्य निर्वाचन आयोग को 706 मृत शिक्षकों की जिलावार सूची सौंपी है। हालांकि, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव में 135 शिक्षकों की मृत्यु पर राज्य चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया था। इस पर आपत्ति दर्ज करते हुए उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ के के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश शर्मा का कहना है कि 706 शिक्षकों की अब तक मृत्यु हो चुकी है। इसी तरह उप्र विशिष्ट बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष संतोष तिवारी का दावा है कि आजमगढ़, रायबरेली, खीरी, लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज आदि जिलों में दो-दो दर्जन शिक्षकों की मौत हुई है। उनका कहना है कि प्रदेश में 10 हजार से ज्यादा शिक्षक कोरोना संक्रमण से ग्रसित हैं। शिक्षक महासंघ के संयोजक व पूर्व एमएलसी हेम सिंह पुंडीर, नेता शिक्षक दल सुरेश त्रिपाठी, शिक्षक एमएलसी ध्रुव कुमार त्रिपाठी का भी कहना है मौतों की संख्या राज्य सरकार छिपा रही है।
उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ ने राज्य निर्वाचन आयोग को 706 मृत शिक्षकों की जिलावार सूची सौंपी है। हालांकि, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव में 135 शिक्षकों की मृत्यु पर राज्य चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया था। इस पर आपत्ति दर्ज करते हुए उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ के के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश शर्मा का कहना है कि 706 शिक्षकों की अब तक मृत्यु हो चुकी है। इसी तरह उप्र विशिष्ट बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष संतोष तिवारी का दावा है कि आजमगढ़, रायबरेली, खीरी, लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज आदि जिलों में दो-दो दर्जन शिक्षकों की मौत हुई है। उनका कहना है कि प्रदेश में 10 हजार से ज्यादा शिक्षक कोरोना संक्रमण से ग्रसित हैं। शिक्षक महासंघ के संयोजक व पूर्व एमएलसी हेम सिंह पुंडीर, नेता शिक्षक दल सुरेश त्रिपाठी, शिक्षक एमएलसी ध्रुव कुमार त्रिपाठी का भी कहना है मौतों की संख्या राज्य सरकार छिपा रही है।
गरमाई सियासत- कांग्रेस महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि यूपी पंचायत चुनावों की ड्यूटी में लगे लगभग 500 शिक्षकों की मृत्यु हुई है। सभी शिक्षकों के परिवारों को 50 लाख रु मुआवाजा व आश्रितों को नौकरी मिलनी चाहिए। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री व सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि पंचायत चुनावों में इलेक्शन ड्यूटी में जिन अधिकारियों, शिक्षकों व कर्मचारियों की मृत्यु कोरोना संक्रमण से हुई है उनके परिवारों को उप्र सरकार तत्काल 50 लाख की सहायता राशि प्रदान करे।