कोर्ट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “प्रदेश सरकार नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन के परिप्रेक्ष्य में आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग के नागरिकों को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराएगी। इसके उपरांत ही नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन को सम्पन्न कराया जाएगा”।
सुप्रीम कोर्ट में अपील पर विचार
सीएम योगी ने आगे कहा, “अगर आवश्यक हुआ तो राज्य सरकार हाईकोर्ट के निर्णय पर तमाम कानूनी पहलुओं पर विचार करके सुप्रीम कोर्ट में अपील भी करेगी।”
डिप्टी सीएम का बयान
इससे पहले उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, “नगरीय निकाय चुनाव के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश का विस्तृत अध्ययन कर विधि विशेषज्ञों से परामर्श के बाद सरकार के स्तर पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा,परंतु पिछड़े वर्ग के अधिकारों को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।”
हाईकोर्ट का फैसला
निकाय चुनाव पर मंगलवार को कोर्ट ने फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने 5 दिसंबर को जारी ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को खारिज कर दिया है। न्यायालय ने राज्य सरकार को निकाय चुनावों को बिना ओबीसी आरक्षण के ही कराने के आदेश दिए हैं। लखनऊ हाईकोर्ट की बेच ने कहा कि ट्रिपल टेस्ट के बिना कोई आरक्षण नहीं तय होगा।
कोर्ट ने समय पर चुनाव कराने के आदेश दिए हैं। जज देवेंद्र कुमार उपाध्याय और सौरभ लवानिया की बेंच ने फैसला सुनाया। जनहित याचिका रायबरेली के सामाजिक कार्यकर्ता वैभव पांडेय ने दायर की थी।