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लखनऊ

यूपी के मुजफ्फरनगर में खुलेगी सूबे की पहली फ्रूट वाइनरी, शराब के शौकीनों की आ गई मौज

अब शराब के शौकीनों को सिर्फ अंगूर ही नहीं कई फलों के अलग अलग फ्लेवर का आनन्द मिलेगा। सरकार यूपी को फ्रूट वाइन इंडस्ट्रीज का हब बनाने जा रही है। यूपी में पहली फ्रूट वाइनरी खुलने जा रही है। अतिरिक्त मुख्य सचिव आबकारी संजय आर भूसरेड्डी ने इस कनफर्म किया है।
 
 

लखनऊSep 26, 2022 / 11:53 am

Sanjay Kumar Srivastava

यूपी के मुजफ्फरनगर में खुलेगी सूबे की पहली फ्रूट वाइनरी, शराब के शौकीनों की आ गई मौज

यूपी के मुजफ्फरनगर में खुलेगी सूबे की पहली फ्रूट वाइनरी, शराब के शौकीनों की आ गई मौज

यूपी में पहली फ्रूट वाइनरी खुलने जा रही है। अब शराब के शौकीनों को सिर्फ अंगूर ही नहीं कई फलो के अलग अलग फ्लेवर का हर घूंट में आनन्द मिलेगा। सरकार यूपी को फ्रूट वाइन इंडस्ट्रीज का हब बनाने जा रही है। अतिरिक्त मुख्य सचिव आबकारी संजय आर भूसरेड्डी ने इस कनफर्म किया है। यह फ्रूट न सिर्फ उत्तर प्रदेश में पहली वाइनरी होगी, बल्कि पूरे उत्तर भारत में भी यह इकलौती होगी। पहली फ्रूट वाइनरी पश्चिमी यूपी के मशहूर जिले मुजफ्फरनगर में खोली जाएगी।
केडी सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड को अनुमति

अतिरिक्त मुख्य सचिव आबकारी संजय आर भूसरेड्डी ने कहा, केडी सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड को मुजफ्फरनगर जिले में 54,446 लीटर की वार्षिक क्षमता वाली वाइनरी स्थापित करने की अनुमति दी गई है। इस फ्रूट वाइनरी के लगाने से किसानों की आमदनी दोगुना की उम्मीद बलवती होगी। इस क्षेत्र में उगाए गए फलों का उपयोग उत्पादन के लिए किया जाएगा और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलेगा। 30 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा, जबकि 150 अन्य को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
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यूपी में देश का कुल 26 प्रतिशत फल उत्पादन

अतिरिक्त मुख्य सचिव आबकारी संजय आर भूसरेड्डी ने कहा, राज्य देश के कुल फल उत्पादन में 26 प्रतिशत का योगदान देता है। और 4.76 लाख हेक्टेयर में सालाना लगभग 105.41 लाख टन फलों का उत्पादन होता है। हालांकि, इनमें से 40 प्रतिशत, लगभग 42.16 लाख टन फल का उपयोग नहीं होता।
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बचे हुए फलों का सर्वोत्तम उपयोग फ्रूट वाइनरी

अतिरिक्त मुख्य सचिव आबकारी संजय आर भूसरेड्डी ने आगे कहाकि, राज्य में खपत से बचे फलों की लागत लगभग 4,216,40 करोड़ रुपए है। वाइनरी उद्योग यह सुनिश्चित करेगा कि बचे हुए फलों का सर्वोत्तम उपयोग किया जाता है। यह एक पारस्परिक रूप से लाभप्रद स्थिति होगी क्योंकि इससे किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी और रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
तीन फल जोन में बांटा है यूपी

यूपी सब ट्रॉपिकल, प्लेन रीजन और बुंदेलखंड जोन में बंटा है।

प्लेन रीजन लीची, आम, पाइने एपल, केला
सब ट्रापिकल जोन बेल, आंवला, अमरूद, पपीता
बुंदेलखंड बेल, नींबू, अमरूद, पपीता।

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