राज्य विधान परिषद में जीत से भाजपा बनेगी मजबूत दरअसल, सत्रहवीं विधानसभा में भाजपा के पास स्पष्ट बहुमत होने के बावजूद विधान परिषद में संख्या बल में समाजवादी पार्टी के भारी होने से भाजपा को विधेयकों को पारित कराने में मुश्किल होती थी। स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र से जीते सदस्यों का कार्यकाल पिछले सात मार्च को समाप्त हो गया। लेकिन विधानसभा चुनाव 2022 में दो-तिहाई बहुमत के साथ दोबारा सत्ता में आई भाजपा के लिए यह चुनाव खुद को सदन में सबसे बड़ी पार्टी बनाने का एक अवसर होगा। इस तरह यूपी विधानमंडल के दोनों सदनों में पार्टी को बहुमत मिल सकता है।
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वर्तमान में क्या है स्थित 100 सदस्यीय विधान परिषद में फिलहाल 37 सीटें खाली हैं। वर्तमान में भाजपा के 35 सदस्य, सपा के 17 और बहुजन समाज पार्टी के चार सदस्य हैं। यूपी विधान परिषद में कांग्रेस, अपना दल (सोनेलाल) और निषाद पार्टी के एक-एक सदस्य हैं। परिषद में विपक्ष के नेता अहमद हसन का कुछ दिनों पहले निधन हो गया था। वहीं विधानसभा चुनाव से पहले सपा के कई MLC भाजपा में शामिल हो गए थे। इनमें नरेंद्र सिंह भाटी, शतरुद्र प्रकाश, रमा निरंजन, रविशंकर सिंह पप्पू, सीपी चंद्र, घनश्याम लोधी, शैलेंद्र प्रताप सिंह और रमेश मिश्रा शामिल है। वहीं बसपा के एमएलसी सुरेश कश्यप भी भाजपा में शामिल हो गए हैं। यह भी पढ़ें