एमएलसी के एक कैंडिडेट को जिताने के लिए करीब करीब 33.5 वोटों की दरकार है। इस प्रकार से यूपी की एक सीट के लिए करीब 34 विधायकों के वोट चाहिए। कुल रिक्त सीटों की संख्या को कुल विधायकों की संख्या से भाग करने पर आये भागफल की संख्या के बराबर एक विधान परिषद सदस्य को वोट चाहिए। उत्तर प्रदेश में कुल 402 विधान सभा सदस्य हैं और 12 विधान परिषद सीटों पर चुनाव हैं। ऐसे में 402 को 12 से भाग देने पर 33.5 आता है।
अपना दल (09) को मिलाकर बीजेपी के पास कुल 320 विधायक हैं। एक सीट जीतने के लिए चाहिए 33.5 वोट। ऐसे में 9 कैंडिडेट को जिताने के बाद बीजेपी के पास 19 वोट बचेंगे। रालोद को मिलाकर सपा के कुल 49 वोट हैं। एक सदस्य को जिताने के बाद उसके पास 15 वोट बचेंगे। अगर बीजेपी ने अपना 10वां कैंडिडेट जिताने के लिए 16 वोटों की दरकार होगी। ऐसे में बीजेपी के पास दो विकल्प होंगे या तो उसे बसपा का समर्थन मिले या वह बसपा को समर्थन दे। वहीं, सपा को दूसरा कैंडिडेट जिताने के लिए 18 वोट चाहिए। ऐसे उसे जोड़तोड़ के अलावा कांग्रेस, सुभासपा और निर्दलीयों के वोट चाहिए होंगे।
28 जनवरी को रिजल्ट
एमएलसी चुनाव के लिए 11 जनवरी से 18 जनवरी तक नामांकन होंगे। 19 जनवरी को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी और 21 जनवरी को नाम वापसी होग। 28 जनवरी को सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक मतदान होगा। परिणाम भी उसी दिन आ जाएगा।
एमएलसी चुनाव के लिए 11 जनवरी से 18 जनवरी तक नामांकन होंगे। 19 जनवरी को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी और 21 जनवरी को नाम वापसी होग। 28 जनवरी को सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक मतदान होगा। परिणाम भी उसी दिन आ जाएगा।
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30 जनवरी को इनका खत्म हो रहा कार्यकाल
1. स्वतंत्र देव सिंह- भाजपा
2. डॉ. दिनेश शर्मा- भाजपा
3. लक्ष्मण प्रसाद आचार्य- भाजपा
4. साहब सिंह सैनी- सपा
5. अहमद हसन- सपा
6. आशु मलिक- सपा
7. रमेश यादव- सपा
8. राम जतन- सपा
9. वीरेंद्र सिंह- सपा
10. धर्मवीर सिंह अशोक- बसपा
11. प्रदीप कुमार जाटव- बसपा
12. नसीमुद्दीन सिद्दीकी (दलबदल कानून के तहत सदस्यता छीन ली गई थी)
डॉ. दिनेश शर्मा व स्वतंत्र देव बनेंगे दोबारा एमएलसी
30 जनवरी को उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का कार्यकाल खत्म हो रहा है। इसके अलावा नेता सदन अहमद हसन का भी कार्यकाल पूरा हो रहा है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस बात पर सहमति बन गई है कि सरकार में डिप्टी सीएम और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को दोबारा एमएलसी बनाया जाएगा। वाराणसी के लक्ष्मण आचार्य को भी दोबारा उच्च सदन भेजा जा सकता है।
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