15 दिन में रचा इतिहास
रुचि वीरा को जेल में बंद वरिष्ठ समाजवादी पार्टी नेता आजम खान की करीबी माना जाता है और ये भी कहा जा रहा है कि आजम खान के जोर देने पर ही उन्हें मुरादाबाद से टिकट दिया गया था। मूलरूप से बिजनौर की रहने वाली रूचि वीरा के लिए मुरादाबाद में जीत हासिल करना आसान नहीं था। बाहरी उम्मीदवार कहकर भी उनका विरोध किया गया। उनके पास प्रचार के लिए समय भी बहुत ज्यादा नहीं थी। लेकिन सिर्फ पंद्रह दिनों के प्रचार के दम पर और मुसलमानों की बड़ी आबादी वाली इस सीट पर गठबंधन के लिए मुसलमानों के इकतरफा सहयोग ने उन्हें बड़े मार्जिन से जीत दिला दी। रुचि वीरा की मेहनत रंग लाई और उन्होंने मुरादाबाद की पहली महिला सांसद बनकर इतिहास भी रच दिया। इस सीट से समाजवादी पार्टी की रुचि वीरा ने 637363 वोटों हासिल कर एक लाख से अधिक वोट से जीत दर्ज की है। रुचि वीरा इससे पहले बिजनौर में भी सियासत में हाथ आजमा चुकी हैं। बिजनौर में उनके कई शैक्षणिक संस्थान भी हैं।
सपा और बीजेपी के बीच टक्कर
इस सीट से समाजवादी पार्टी की रुचि वीरा ने 105762 वोटों से जीत दर्ज की। हीं भाजपा के कुंवर सर्वेश कुमार को 531601 वोट मिले। बहुजन समाज पार्टी के मो. इरफान को 92313 वोट मिले हैं। मुरादाबाद की लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी सपा और भाजपा के बीच टक्कर देखने को मिली। भाजपा ने इस सीट से सर्वेश सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया था जिनका लोकसभा चुनाव के दौरान निधन हो गया।