बुलंदशहर : डॉ. अंतुल तेवतिया
बुलंदशहर में बीजेपी प्रत्याशी डॉ. अंतुल तेवतिया का निर्विरोध निर्वाचन तय है। बीते 21 वर्षों से वह बीजेपी में सक्रिय हैं। इनका पूरा परिवार भाजपाई परिवार के नाम से मशहूर है। डॉ. अंतुल जीत का पूरा श्रेय स्थानीय जनता को देते हुए कहती हैं कि मेरे खून का एक-एक कतरा बुलंदशहर की जनता के लिए समर्पित है और जब तक जिंदा हूं जनता की सेवा करूंगी। यह मेरा एहसास नहीं बल्कि मेरा कर्म और फर्ज है, जिसे मैं बखूबी निभाऊंगी। पूरी इमानदारी और मेहनत से अपना कार्य करूंगी।
बुलंदशहर में बीजेपी प्रत्याशी डॉ. अंतुल तेवतिया का निर्विरोध निर्वाचन तय है। बीते 21 वर्षों से वह बीजेपी में सक्रिय हैं। इनका पूरा परिवार भाजपाई परिवार के नाम से मशहूर है। डॉ. अंतुल जीत का पूरा श्रेय स्थानीय जनता को देते हुए कहती हैं कि मेरे खून का एक-एक कतरा बुलंदशहर की जनता के लिए समर्पित है और जब तक जिंदा हूं जनता की सेवा करूंगी। यह मेरा एहसास नहीं बल्कि मेरा कर्म और फर्ज है, जिसे मैं बखूबी निभाऊंगी। पूरी इमानदारी और मेहनत से अपना कार्य करूंगी।
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गोरखपुर : साधना सिंहगोरखपुर में बीजेपी प्रत्याशी साधना सिंह का निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया है। अब बस प्रमाणपत्र मिलने की देरी है। इस पद के लिए वह दूसरी बार निर्विरोध चुनी गई हैं। तीन जुलाई को उनके नाम एक और नया रिकॉर्ड जुड़ जाएगा। वह जिले की पहली महिला हैं, जो दूसरी बार जिला पंचायत अध्यक्ष की कमान संभालेंगी। इससे पहले साधना 2010 से 2015 तक जिला पंचायत अध्यक्ष रही थीं। तब वह बसपा में थीं और निर्विरोध चुनाव जीती थीं।
वाराणसी : पूनम मौर्या
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बीजेपी की पूनम मौर्या का निर्वाचन तय है। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए एकमात्र उन्होंने ही नामांकन किया है। पूनम मौर्या ने कहा कि भाजपा के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मूलमंत्र को ध्यान में रखकर कार्य करना मेरी प्राथमिकता होगी। कहा कि जिले में पहले से ही विकास कार्य तेज गति से हो रहे हैं फिर भी मेरी कोशिश रहेगी की जिले की सभी पंचायत क्षेत्रों का चहुंमुखी विकास हो, लोगों को शुद्ध जल, अच्छी सड़क, पानी निकासी के लिए सीवर एवं बिजली मिले।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बीजेपी की पूनम मौर्या का निर्वाचन तय है। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए एकमात्र उन्होंने ही नामांकन किया है। पूनम मौर्या ने कहा कि भाजपा के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मूलमंत्र को ध्यान में रखकर कार्य करना मेरी प्राथमिकता होगी। कहा कि जिले में पहले से ही विकास कार्य तेज गति से हो रहे हैं फिर भी मेरी कोशिश रहेगी की जिले की सभी पंचायत क्षेत्रों का चहुंमुखी विकास हो, लोगों को शुद्ध जल, अच्छी सड़क, पानी निकासी के लिए सीवर एवं बिजली मिले।
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आगरा : मंजू भदौरियाभाजपा के पूर्व विधायक डॉ. राजेंद्र सिंह की पुत्रवधू मंजू भदौरिया जिला पंचायत अध्यक्ष के तौर पर नहीं सियासी पारी शुरू करेंगी।
उनके खिलाफ किसी प्रत्याशी का नामांकन न होने मंजू का निर्वाचन तय हो गया है। पिछले चुनाव में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाने वाली सपा को इस बार कोई प्रत्याशी ही नहीं मिला। बसपा की तरफ से भी किसी ने दावेदारी नहीं की। कड़ी सुरक्षा के बीच सिर्फ मंजू भदौरिया ही पर्चा दाखिल कर सकीं।
गाजियाबाद : ममता त्यागी
गाजियाबाद जिला पंचायत अध्यक्ष पद की कुर्सी पर भाजपा की ममता त्यागी निर्विरोध चुना जाना तय है। उनके खिलाफ किसी ने नामांकन दाखिल नहीं किया है। धौलाना से बसपा विधायक असलम चौधरी पत्नी नसीम बेगम सपा और रालोद की तरफ से संयुक्त प्रत्याशी थीं, लेकिन उनका नामांकन नहीं हो सका। सपा महानगर अध्यक्ष राहुल चौधरी ने सपा-रालोद प्रत्याशी नसीम बेगम चौधरी की प्रस्तावक को एक होटल में बंधक बनाने का आरोप लगाया है।
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मुरादाबाद : डॉ. शेफाली सिंह
बीजेपी की जिला पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी डॉ. शेफाली सिंह ने समाजवादी पार्टी के गढ़ कहे जाने वाले मुरादाबाद में कमल खिलाया है। जबकि 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा ने जिले की 6 में 4 सीटें जीती थीं। वर्तमान में लोकसभा सांसद भी समाजवादी पार्टी के हैं। ऐसे में शेफाली की सुनिश्चित जीत ने नई इबारत लिख दी है। जनपद में डॉ. शेफाली के अलावा किसी का नामांकन दाखिल नहीं हुआ है। ऐसे उनकी जीत तय है। हालांकि, सपा ने प्रशासन पर पार्टी उम्मीदवार के प्रस्तावक को बंधक बनाने का आरोप लगाया है।
बलरामपुर : आरती तिवारी
21 वर्षीय किसान की बेटी आरती तिवारी का जिला पंचायत अध्यक्ष बनना तय है। आरती ने बलरामपुर जिले के वार्ड नंबर 17 चौधरीडीह से जिला पंचायत सदस्य पद के लिए हुए चुनाव में करीब 8 हजार वोटों से जीत दर्ज कर सबसे कम उम्र की जिला पंचायत सदस्य का खिताब अपने नाम किया है। आरती तिवारी बलरामपुर के एमएलके डिग्री कॉलेज से स्नातक कर रही हैं। भाजपा ने बलरामपुर से आरती के चाचा श्याम मनोहर तिवारी को पार्टी का प्रत्याशी बनाया था, लेकिन चुनाव से ठीक पहले आरती के चाचा श्याम मनोहर ने अपनी भतीजी को मैदान में उतार दिया।
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