वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 56.935 मेगावाट सौर्य ऊर्जा की स्थापित क्षमता है और इसमें 28 जीडब्ल्यू के उच्च पीढ़ी के आंकड़े को छूने की क्षमता है। सौर्य प्रतिबद्धता के साथ, यह संगठन वार्षिक आधार पर लगभग 25,79,820 टन कार्बन उत्सर्जन को कम करने में सक्षम होगा। उत्तर प्रदेश में करीब 7.44 मिलियन परिवारों को इन परियोजनाओं के जरिये स्वच्छ ऊर्जा मिलेगी।
अवादा ग्रुप के चेयरमैन विनीत मित्तल ने कहा, “हम उत्तर प्रदेश को सौर्य उर्जा का उपयोग करने और अपने विकास की जरूरतों को स्थायी रूप से बनाए रखने के मिशन का समर्थन करने के लिए तैयार हैं। हम स्वच्छ ऊर्जा प्रक्षेपवक्र पर राज्य को गुलेल करने में मदद करने के लिए आक्रामक तरीके से
काम कर रहे हैं। राज्य उच्च सौर्य विकिरण क्षेत्र में आता है, जो अपने स्वच्छ ऊर्जा पोर्टफोलियो के विस्तार के लिए बहुत अधिक अवसर प्रदान करता है। हमें खुशी है कि इस एमओयू ने उत्तर प्रदेश को माननीय सम्मान प्राप्त करने में आगे बढ़ने वाला सक्षम बनाया। प्रधान मंत्री जी का सपना है कि भारत को 2022 तक 100 जीडब्ल्यू सौर्य ऊर्जा प्रदान किया जाये। कंपनी देश के लिए सस्ती, स्वच्छ और प्रचुर
शक्ति प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और अभी हम हरी प्रौद्योगिकियों पर
ध्यान देना जारी रखेंगे ।
अवादा पावर के इस कदम से देश में हजारों मेगावाट बिजली पैदा करने की योजना है और देश के लिए स्थायी ऊर्जा लाने की दिशा में एक महत्व पूर्ण कदम होगा। कंपनी की इंजीनियरिंग टीम ने उच्च निष्पादन आउटपुट और कम लागत वाली डिलीवरी अवधि के साथ डिजाइन, इंजीनियर और अक्षय परियोजनाओं का निर्माण करने की क्षमता का प्रदर्शन किया है।