गोरखपुर में प्रत्याशी की हत्या कर दी गई। पिपरौली ब्लाक के मिश्रौलिया गांव के प्रधान प्रत्याशी राघवेन्द्र उर्फ गिलगिल दुबे को चुनाव से एक दिन पहले उनके प्रतिद्वंद्वी शंभू यादव ने गोली मार दी थी। उन्हें केजीएमयू में भर्ती कराया गया था। उनकी मौत हो गई। हालांकि, उनकी मौत के बाद परिणाम उनके पक्ष में आया।
कोरोना ने ले ली जान खोराबार ब्लाक के गहिरा गांव से बीडीसी के प्रत्याशी रंजीत चौबे उर्फ शिप्पू चुनाव जीत गए हैं। मगर जीत के बाद ही उनकी मौत हो गई। उनकी मौत की वजह कोरोना संक्रमण बताया गया है। इसी तरह जंगल कौड़िया ब्लाक की ग्राम पंचायत अहिरौली से प्रधान प्रत्याशी इन्द्रा यादव और बड़हलगंज ब्लाक के जैतपुर से प्रधान प्रत्याशी पवन कुमार साहनी भी चुनाव जीत गए हैं। दोनों की मौत कोरोना से हुई। इसी तरह गुलरिहा थाना क्षेत्र के जंगल हरपुर में प्रधान प्रत्याशी भुआल यादव की तबीयत मतदान के दिन ही बिगड़ गई थी। इलाज के दौरान दूसरे दिन सुबह उनकी मौत हो गई थी। सोमवार को मतगणना में भुआल भी विजयी घोषित किए गए।
जीत की खबर सुनते ही मौत वाराणसी के पिंडरा ब्लाक से प्रधान पद प्रत्याशी सुनरा देवी ने अपने विजय होने की खबर सुनते ही दम तोड़ दिया। बुजुर्ग महिला सुनरा देवी चुनावी परिणाम घोषित किए जाने से पहले आईसीयू में भर्ती थीं। जब उन्हें इस बात की जानकारी हुई कि वह अपनी प्रतिद्वंदी प्रेमशीला से तीन वोटों से चुनाव जीत गई हैं, वैसे ही उनकी सांसे थम गई और दिल की धड़कनों ने काम करना बंद कर दिया। इस दौरान मृतक महिला प्रधान के बेटे अजय यादव ने जीत का प्रमाण ले लिया। हालांकि, उनकी मृत्यु के बाद सीट रिक्त हो चुकी है और अब यहां दोबारा चुनाव कराया जाएगा।
मौत के बाद विजयी घोषित पूर्वांचल के पांच से ज्यादा जिलों में निधन के बाद प्रधान पद के आठ प्रत्याशियों को चुनाव में जीत मिली है। वाराणसी के सिरिस्ती गांव की प्रधान प्रत्याशी निर्मला मौर्या और शिवदशां ग्राम पंचायत के प्रधान प्रत्याशी धर्मपाल यादव की सामान्य बीमारी से मौत चुनाव के बाद हो गई। रविवार को मतगणना में दोनों विजयी रहे। इसी तरह चंदौली के किशुनपुर के प्रधान प्रत्याशी रामविलास यादव, जौनपुर के बरपुर गांव से प्रधान पद के प्रत्याशी कमला देवी और सर्वेमऊ गांव से प्रधानपद के प्रत्याशी निशा देवी की मौत भी चुनावी नतीजे घोषित होने के पहले हो गई। चुनावी नतीजों में दोनों विजयी निकले। आजमगढ़ के नौरसिया गावं के प्रधान प्रत्याशी रमेश राजभर भी जिंदगी से जंग हार गए लेकिन चुनाव में प्रधान पद पर विजयी रहे। गाजीपुर के ग्रामसभा चक अहमद से प्रधान प्रत्याशी सीता राय, मिर्जापुर के ग्राम प्रधान प्रत्याशी रामचंद्र मौर्य भी निधन के बाद विजयी घोषित किए गए। देवरिया के भागलपुर विकास खण्ड की ग्राम पंचायत कपूरी एकौना की प्रत्याशी विमला देवी भी मरने के बाद चुनाव जीत गईं।
दिल का दौरा पड़ने से निधन प्रतापगढ़ में मंगरौरा विकासखंड के मुदरा रानीगंज के निवर्तमान प्रधान व प्रत्याशी रामसुख यादव की एक सप्ताह पहले दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। इसी तरह कालाकांकर ग्राम पंचायत की निवर्तमान ग्राम प्रधान मंजू सिंह की भी तबीयत बिगड़ी और बाद में उनकी मौत हो गई। कालाकांकर में ही केरावडीह की बीडीसी सदस्य प्रत्याशी रफीकुलनिशा की भी एक सप्ताह पहले मौत हो गई। तीनों की मौत के बाद जीत हुई है। इसी तरह अमरोहा के भी दो प्रत्याशी अपनी जीत नहीं देख पाए।गंगेश्वरी विकास खंड के गांव खनौरा में प्रधान पद की प्रत्याशी सविता पत्नी राजकुमार ने 165 वोट से अपने प्रतिद्वंदी प्रत्याशी को हराया। शुक्रवार रात कोराना से उनकी मौत हो गई। अमरोहा के ही विकास खंड हसनपुर की ग्राम पंचायत दमगढ़ी से मुकेश कुमार प्रधान पद के लिए निर्वाचित हुए। मुकेश की भी आठ दिन पूर्व बुखार के चलते मौत हो गई थी।
जीत से पहले दो महिला प्रत्याशियों ने भी तोड़ा दम बदायूं जिले में चुनाव कराने के बाद दो प्रत्याशियों की मौत हो गई। कादरचौक ब्लाक के गांव बराचिर्रा में सरोज देवी की चुनावी नतीजों से पहले मौत हो गई। परिणाम उनके पक्ष में आया। वे 128 वोट से प्रधान पद पर जीत गई हैं। इसी तरह जिला पंचायत वार्ड 31 पुसगवां से डॉक्टर वीपी सिंह सोलंकी की पत्नी शांति देवी 2000 वोटों से निर्दलीय विजयी हुईं। चुनाव परिणाम आने से पहले ही उनकी मौत हो गयी। आगरा में भी रसूलपुर से प्रधान पद प्रत्याशी बाबूलाल की पिछले दिनों तबीयत खराब हो गई। 25 अप्रैल को इलाज के दौरान एक निजी अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई। रविवार को हुई मतगणना में उनकी जीत की घोषणा की गई।