भ्रष्टाचार के लिए संबंधित होंगे जिम्मेदार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संगठन के प्रतिनिधियों से भी बातचीत की है। संगठन प्रवक्ता ललित शर्मा का कहना है कि गांव विकास कार्य करवाने के लिए अभी ग्रामीण अभियंत्रण सेवा के इंजीनियरों से इस्टीमेट और एमबी बनवाई जाती है। इसमें बड़े पैमाने पर कमीशनखोरी होती है जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। इसलिए पंचायतीराज अधिनियम में यह प्रावधान किया गया है कि ग्राम पंचायती अपने स्तर पर तकनीकी सेवाएं ले सकती हैं। ग्राम प्रधान संगठन की मांग रही है कि प्रधानों को आर्किटेक्ट से इस्टीमेट बनवाकर कार्य करवाने और एमबी तैयार करके भुगतान कराया जाए। इसमें भ्रष्टाचार पाए जाने पर संबंधित ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव और आर्किटेक्ट फर्म को जिम्मेदार माना जाएगा।