कार्यक्रम के बाद केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि जो बलिदानी रामभक्त हैं चाहे वह 30 अक्टूबर 1990 हो या 2 नवंबर 1990 हो, उनके घर तक सड़क बनवाएंगे। इन सड़कों पर स्मारक पट्टिका भी लगाई जाएंगी, जिन पर कारसेवकों के नाम और तस्वीर होंगी। उन्होंने कहा कि शहीद जवानों के घर तक जय हिंद वीर पथ के नाम से और टॉपर स्टूडेंट के घर तक सड़क बनाई जाएगी। डिप्टी सीएम ने कहा कि प्रदेश में स्वामी विवेकानंद के नाम से भी सड़कें बनेंगी।
30 अक्टूबर को क्या हुआ था अयोध्या में
30 अक्टूबर को अध्योध्या में जब कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद में प्रवेश करने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें रोका। नतीज पुलिस और कारसेवकों में झड़प हो गई। इस दौरान कारसेवक मस्जिद में घुसने के लिए डटे रहें। थोड़ी देर बाद तत्कालीन मुलायम सिंह यादव की सरकार ने कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश दे दिया। फायरिंग के कारण भदगड़ मच गई। इस घटना में दो दर्जन से अधिक कारसेवक मारे गये। अधिकारिक रिकॉर्ड में 17 मौतें बताई जा रही हैं, जबकि बीजेपी का कहना है कि गोलीकांड में 56 कारसेवकों की मौत हुई थी।
30 अक्टूबर को अध्योध्या में जब कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद में प्रवेश करने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें रोका। नतीज पुलिस और कारसेवकों में झड़प हो गई। इस दौरान कारसेवक मस्जिद में घुसने के लिए डटे रहें। थोड़ी देर बाद तत्कालीन मुलायम सिंह यादव की सरकार ने कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश दे दिया। फायरिंग के कारण भदगड़ मच गई। इस घटना में दो दर्जन से अधिक कारसेवक मारे गये। अधिकारिक रिकॉर्ड में 17 मौतें बताई जा रही हैं, जबकि बीजेपी का कहना है कि गोलीकांड में 56 कारसेवकों की मौत हुई थी।