मुख्तार अंसारी को बड़ा झटका, यूपी सरकार करेगी हाईकोर्ट में अपील, लिया गया फैसला
भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) के पूर्व विधायक कृष्णानंद राय (Krishnanand Rai) की हत्या के आरोप में बरी हुए बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) समेत पांच लोगों को यूपी सरकार झटका देने जा रही है।
लखनऊ. भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) के पूर्व विधायक कृष्णानंद राय (Krishnanand Rai) की हत्या के आरोप में बरी हुए बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) समेत पांच लोगों को यूपी सरकार झटका देने जा रही है। कृष्णानंद राय हत्याकांड में सीबीआई (CBI) द्वारा लिए गए फैसले के खिलाफ यूपी सरकार हाईकोर्ट (High Court) में याचिका दाखिल करेगी। आपको बता दें कि बुधवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने इन सभी आरोपों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। कोर्ट के फैसले के बाद सियारी पारा चढ़ते देर नहीं लगी। वहीं गुरुवार को यूपी सरकार ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट से अपील करने का फैसला ले लिया है।
ये भी पढ़ें- किसानों के लिए योगी सरकार की बड़ा फैसला, होगा मुनाफा सीएम योगी ने कृष्णानंद राय हत्याकांड में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले को गंभीरता से संज्ञान में लिया है। यूपी सरकार का साफ कहना है कि मामले में कोर्ट के फैसले का वह अध्य्यन करेगी और फिर हाईकोर्ट में अपील करेगी।
ये भी पढ़ें- भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर लगेगी मुहर, जेपी नड्डा कर सकते हैं ऐलान, इन्हें मिल सकता है पद आपको बता दें कि 2005 में भाजपा के विधायक कृष्णानंद राय पर ताबड़तोड़ गोलिया बरसाई गई थीं, जिसके बाद उनकी मृत्यु हो गई थी। मुख्तार अंसारी, उनके भाई अफजाल अंसारी के अलावा संजीव माहेश्वरी, एजाजुल हक, राकेश पांडेय, रामू मल्लाह व मुन्ना बजरंगी इसके हत्याकांड में मुख्य आरोपी पाए गए थे। इनमें मुन्ना बजरंगी को बीते वर्ष बागपत जेल में गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया था।
ये भी पढ़ें- यूपी उपचुनाव को लेकर आजम खां का बड़ा बयान, कहां विपक्ष के सांसद एक साथ दें इस्तीफा, मैं रहूंगा सबसे आगेकोर्ट ने सुनाय था फैसला- दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में स्पेशल जज अरुण भारद्वाज ने फैसला सुनाते हुए सबूतों की कमी व गवाहों के मुकर जाने को केस के कमजोर पड़ने की मुख्य वजह बताया। उन्होंने मामले को अभियोजन की नाकामी का उदाहरण बताया व कहा कि यदि गवाहों को ट्रायल के दौरान विटनेस प्रोटेक्शन स्कीम, 2018 का लाभ मिलता तो नतीजा कुछ और ही होता।
ये भी पढ़ें- शिक्षामित्रों को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, यूपी सरकार को जारी किया नोटिसऐसे की गई थी राय की हत्या- यूपी के गाजीपुर जिले की मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट से विधायक कृष्णानंद राय व उनके छह समर्थकों की 29 नवंबर, 2005 को दिनदहाड़े एके-47 की गोलियों से छलनी कर दिया गया था। पोस्टमार्टम में राय के शरीर से करीब 21 गोलियां निकाली गई थीं। सीबीआई ने इस मामले में मुख्तार अंसारी को मुख्य साजिशकर्ता माना था। मामला यूपी पुलिस से सीबीआई के पास पहुंचा। सीबीआई ने उस दौरान निर्दलीय विधायक मुख्तार अंसारी को मुख्य आरोपी माना था। बाद में 2013 में कृष्णानंद की पत्नी अलका राय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। कोर्ट ने 2013 में केस को गाजीपुर से दिल्ली ट्रांसफर कर दिया था।
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