आरोप है कि साल 2016 में भूपेंद्र जब एसडीएम के रूप में तैनात थे, तब उन्होंने सरकार के हितों की उपेक्षा करते हुए, निजी लाभ के लिए संबंधित पक्षों से मिलीभगत कर रेवन्यू कोर्ट मैनुअल के खिलाफ अगस्त 2016 में मामले में दोषी एक अन्य तत्कालीन एसडीएम, एक अपर आयुक्त, एक तहसीलदार (अब सेवानिवृत्त) एक राजस्व निरीक्षक और एक लेखपाल के खिलाफ भी कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।