यह भी पढ़ें
सीएम योगी ने सरकारी कर्मचारियों के लिए किया सबसे बड़ा ऐलान, बदल दी ये चीज, अफसरों में मचा हड़कंप
यूपी जनसुनवाई पोर्टल से होगी लिंक बता दें कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 से पहले भी प्रदेश सरकार ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए यूपी जनसुनवाई पोर्टल (Uttar Pradesh jansunwai portal) कि निर्माण किया था। जहां पर आप घर बैठे किसी भी विभाग की किसी भी प्रकार की शिकायत कर सकते थे। अब मुख्यमंत्री टोल फ्री हेल्पलाइन सेवा आईजीआरएस (इन्टीग्रेटेड ग्रीवांस रिड्रेसल सिस्टम) (integrated grievance redressal system) जनसुनवाई पोर्टल से लिंक की जाएगी। जन सुनवाई पोर्टल पर 1076 हेल्पलाइन का अलग से विकल्प उपलब्ध होगा। इस विकल्प को चुन कर यह पता किया जा सकेगा कि पीड़ित की शिकायत पर क्या कार्रवाई हुई? कौन अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार हैं? शिकायत निस्तारण में कहां व्यवधान आ रहा है? 1076 टोल फ्री हेल्पलाइन को सुचारू ढंग से संचालित करने के लिए तहसील स्तर तक अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। यह भी पढ़ें
छोटी स्कर्ट व शॉर्ट्स पहनना हुआ मना, लखनऊ के इन जगहों पर दिखें तो लिया जाएगा बड़ा एक्शन-
मोबाइल मैसेज समाधान के दिए जाएगे निर्देश सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अपर मुख्य सचिव संजीव सरन ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रशासन व पुलिस सहित सभी विभागों, निकायों, बोर्ड, निगम और आयोगों से जुड़ी समस्याओं के लिए सीएम हेल्पलाइन तैयार की गई है। इसमें टोल फ्री नंबर 1076 पर कॉल कर जनता अपनी समस्या या शिकायत दर्ज करा सकेगी। दर्ज करते ही शिकायत संबंधित विभाग को ऑनलाइन भेज दी जाएगी और संबंधित अधिकारी या कर्मचारी को मोबाइल संदेश के जरिये उसके समाधान के लिए निर्देशित किया जाएगा। समाधान हो जाने पर अधिकारी या कर्मचारी को दोबारा कॉल सेंटर पर जानकारी देनी होगी। इसके बाद शिकायतकर्ता को फोन कर सत्यापन किया जाएगा कि समाधान हुआ या नहीं। अगर शिकायतकर्ता संतुष्ट नहीं होगा तो विभाग के उच्च अधिकारी को बताया जाएगा। यदि किसी वजह से समाधान नहीं हो सकता है तो उसका कारण स्पष्ट करते हुए शिकायतकर्ता को जानकारी दी जाएगी। 55,000 आउटबाउंड कॉल्स प्रतिदिन की झमता टोल फ्री नंबर 1076 80 हजार इनबाउंड तथा 55,000 आउटबाउंड कॉल्स प्रतिदिन की झमता रखता है। इससे पीड़ित आम जनता सीधे शिकायत कर सकेगी। इसकी मानीटरिंग करने वाली मुख्यमंत्री कार्यालय की टीम शिकायत का संज्ञान लेकर इसे सम्बन्धित जिले या विभाग में निचले स्तर पर फॉरवर्ड कर देगा और निचले स्तर पर ही समस्या का समाधान करने का प्रयास किया जायेगा। अगर निचले स्तर पर समस्या का हल नहीं होता है तो जिलें या विभाग के उच्च अधिकारी डीएम या एसएसपी को इसके समाधान के लिए भेजा जायेगा। इस स्तर पर भी समस्या का हल नहीं होने पर इसे शासन को भेजा जायेगा।