नई जनसंख्या नीति में मिलने वाले लाभ नई जनसंख्या नीति में घर का मालिक अगर सरकारी नौकरी में हैं और नसबंदी करवाते हैं तो उन्हें सरकारी आवासीय योजनाओं में छूट, अतिरिक्त इंक्रीमेंट, प्रमोशन, पीएफ में एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन बढ़ाने जैसी कई सुविधाएं देने की सिफारिश की गई है। अगर दो बच्चे वाले दंपत्ति सरकारी नौकरी में नहीं हैं, तो उन्हें बिजली पानी, होम लोन आदि में छूट देने का प्रावधान है।
एक संतान होने पर 20 वर्ष तक मुफ्त इलाज नई नीति के तहत अगर किसी दंपत्ति ने एक संतान पर खुद से नसबंदी करा रखी है तो ऐसे अभिभावकों को संतान के 20 वर्ष तक मुफ्त इलाज, शिक्षा, बीमा शिक्षण संस्था व सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता दिए जाने का प्रावधान है। इसके अंतर्गत सरकारी नौकरी वाले दंपत्ति को चार अतिरिक्त इंक्रीमेंट देने का सुझाव भी है। अगर दंपत्ति गरीबी रेखा के नीचे हैं और एक संतान के बाद ही स्वैच्छिक नसबंदी करवाते हैं तो उन्हें बेटे के लिए 80 हजार और बेटी के लिए एक लाख रुपये एकमुश्त दिए जाने की भी सिफारिश की गई है।
एक से ज्यादा शादियां करने पर अलग प्रावधान एक से अधिक शादियां करने वाले दंपत्तियों के लिए खास प्रावधान हैं। एक से ज्यादा शादियां करने वाले व्यक्ति के अगर कुल मिलाकर दो से ज्यादा बच्चे हैं तो उसे यह सुविधाएं नहीं मिलेंगी। इसी तरह अगर किसी महिला के एक से ज्यादा पतियों से दो से अधिक बच्चे हैं तो उसे भी इन सुविधाओं से वंचित रखा जाएगा।
चुनाव लड़ने से भी रहेंगे वंचित आयोग ने दो से अधिक बच्चे वालों को स्थानीय चुनाव से वंचित रखे जाने का प्रावधान भी तय किया है। दो से अधिक बच्चे वालों को चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं होगी।
कानून का उल्लंघन करने पर जाएगी नौकरी कानून लागू होने के अंतर्गत एक वर्ष में सभी सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों, स्थानीय निकाय में चुने जनप्रतिनिधियों को शपथ पत्र देना होगा कि वह इसका उल्लंघन नहीं करेंगे। उल्लंघन करने पर सरकारी कर्मचारियों-अधिकारियों की नौकरी बर्खास्तगी, प्रमोशन या इंक्रीमेंट रोकने तक की सिफारिश है। हालांकि, एक्ट में एक छूट यह दी गई कि अगर इसके लागू होने के दौरान कोई महिला गर्भवती है तो उसका केस इस कानून के दायरे में नहीं आएगा। इसी तरह अगर दूसरी प्रेगनेंसी के समय जुड़वा बच्चे होते हैं तो वह दंपत्ति भी इस कानून के दायरे में नहीं आएंगे। अगर किसी का पहला, दूसरा या दोनों बच्चे नि:शक्त हैं तो उसे भी तीसरी संतान पर सुविधाओं से वंचित नहीं किया जाएगा। तीसरे बच्चे को गोद लेने पर भी रोक नहीं रहेगी।