अधिकारियों ने बताया कि 25 दिसंबर को वाजपेयी की जयंती पर चिड़ियाघर का नामकरण पूर्व प्रधानमंत्री के नाम पर किए जाने की संभावना है। चिड़ियाघर में हर साल लगभग 13 लाख आगंतुक आते हैं। 71 एकड़ में फैले इस चिड़ियाघर को राजधानी का जीवन और गौरव कहा जाता है। इसमें
एतिहासिक महत्व राजधानी लखनऊ का चिड़ियाघर ऐतिहासिक महत्व को समेटे हुए है। लखनऊ के चिड़ियाघर में 1925 में सबसे पुराना बाड़ा बना था। इस बाड़े में अनेक खासियत हैं। अपने हवादार कमरे व डिजाइन के लिए यह पूरे देश में प्रसिद्ध है इसी बाड़े में जंगल के राजा शेर को रखा जाता है। लखनऊ के चिड़ियाघर की स्थापना 18 वीं सदी में आम के बगीचे के तौर पर हुई थी। उस समय के नवाब नवाब नसीरुद्दीन हैदर द्वारा आम के बाग की स्थापना की गई थी। सबसे पहले इसका नाम बनारसी बाग रखा गया था। 1921 में प्राणी उद्यान की स्थापना की गई जिसके बाद 1926 तक इसमें अलग-अलग जगह पर 16 भवनों का निर्माण किया गया। लखनऊ का चिड़ियाघर अपनी खूबसूरती व जानवरों के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है। चिड़ियाघर में चलने वाली ट्रेन बच्चों को काफी आकर्षित करती है। छुट्टी के दिनों में बड़ी संख्या में परिवार बच्चों के सात यहां घूमने के लिए आते हैं।