उत्तर प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों, पुलिस आयुक्तों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों व पुलिस अधीक्षकों को मंगलवार को पत्र जारी किया गया। इसमें कहा गया है कि समय-समय पर कुछ व्यक्तियों द्वारा पानी की टंकी पर चढ़कर विरोध प्रदर्शन किया जाता है। यह जन सुरक्षा की दृष्टि से उचित नहीं है। सभी पानी की टंकियों की सीढ़ी और परिसर को ताला लगाकर बंद रखा जाए। साथ ही ऐसी व्यवस्था बना दी जाए कि कोई अवांछित व्यक्ति पानी की टंकी पर न चढ़ने पाए। जो टंकियां उपयोग में नहीं हैं, उन्हें तोड़ने की व्यवस्था की जाए।
इस कारण लिया फैसला बीते दिनों हरदोई सुरसा थाना क्षेत्र के निवासी वकील विनय प्रताप सिंह न्याय की मांग के लिए सपरिवार पानी की टंकी पर चढ़ गए। उनका आरोप है कि गांव के लल्लन सिंह, वीरपाल सिंह उर्फ भोला, संजय सिंह, कृष्णपाल सिंह उर्फ केपी, अमर सिंह और भरत सिंह ने उनके पैतृक जमीन पर कब्जा कर लिया है। इसका विरोध करने पर जनवरी 2016 में उनके भाई विवेक प्रताप सिंह को अगवा कर लिया। केस दर्ज होने के बाद भी पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। आरोपियों द्वारा लगातार धमकी मिलने पर उन्हें गांव छोड़ना पड़ा। इस वजह से उन्होंने व उनके परिवार ने टंकी पर चढ़कर खुदकुशी करने का फैसला किया।
पीड़ित परिवार ने मांग की कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिलता है, तो वे पूरे परिवार से साथ पेट्रोल छिड़क कर आत्मदाह करेंगे। करीब 66 घंटों तक यह परिवार पानी की टंकी पर चढ़ा रहा। मामले में एसपी की कार्रवाई से आश्वासित होने के बाद पूरा परिवार टंकी से नीचे उतरा।