उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी आदेश के बाद बिजली की दरों में 12 फीसदी तक इजाफा हो गया है। बिजली के बढ़े हुए दामों का असर शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के साथ ही कॉमर्शियल उपभोक्ताओं पर भी पड़ेगा। अब घरेलू उपभोक्ताओं को 8 से 12 फीसदी, वहीं औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए 5 से 10 फीसदी बिजली महंगी हो गई है। इसके अलावा शहरी कृषकों को जहां 9 फीसदी, वहीं ग्रामीण कृषकों को 15 फीसदी बिजली महंगी मिलेगी।
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जनता की जेब काटने में लगी बीजेपी : प्रियंका गांधी
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि पहले महंगे पेट्रोल-डीजल का बोझ और अब महंगी बिजली की मार। उप्र की भाजपा सरकार आम जनता की जेब काटने में लगी है। क्यों? खजाने को खाली करके भाजपा सरकार अब वसूली जनता पर महंगाई का चाबुक चला कर रही है। कैसी सरकार है ये?
बीजेपी सरकार में कारोबारी व जनता सब त्रस्त : अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि एक तरफ घटती आय व मांग और बढ़ती लागत की वजह से देश की उत्पादकता दर लगातार नीचे जा रही है, वहीं प्रदेश में बिजली की दरें ऊपर जा रही हैं। कारोबारी व जनता सब त्रस्त हैं। उप्र में निवेश की घोषणाएं भी थोथी साबित हो रही हैं, क्योंकि इनके लिए कोई भी बैंक पैसा लगाने के लिए तैयार नहीं है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि एक तरफ घटती आय व मांग और बढ़ती लागत की वजह से देश की उत्पादकता दर लगातार नीचे जा रही है, वहीं प्रदेश में बिजली की दरें ऊपर जा रही हैं। कारोबारी व जनता सब त्रस्त हैं। उप्र में निवेश की घोषणाएं भी थोथी साबित हो रही हैं, क्योंकि इनके लिए कोई भी बैंक पैसा लगाने के लिए तैयार नहीं है।
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सरकार का जनविरोधी फैसला : मायावती
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि बीजेपी सरकार द्वारा बिजली की दरों को बढ़ाने को मंजूरी देना पूरी तरह से जनविरोधी फैसला है। इससे प्रदेश की करोड़ों खासकर मेहनतकश जनता पर महंगाई का और ज्यादा बोझ बढ़ेगा व उनका जीवन और भी अधिक त्रस्त व कष्टदायी होगा। सरकार इस पर तुरन्त पुनर्विचार करे तो यह बेहतर होगा।
सपा-बसपा के पापों का परिणाम भुगत रहे : ऊर्जा मंत्री
विपक्षी दलों के विरोध पर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने पलटवार करते हुए कहा कि यह सपा-बसपा के पाप रहे कि भ्रष्टाचार बढ़ता गया और बिजली कंपनियां भारी घाटे में चली गईं। सपा-बसपा के कार्यकाल में सिर्फ दरें बढ़ती थीं। भाजपा के कार्यकाल में दरें कम और बिजली आपूर्ति के घंटे ज्यादा बढ़े हैं। अब जिलों को 24, तहसील को 20 और गांव को 18 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है। पूर्व सरकारों में कोई रोस्टर नहीं था। बिजली सिर्फ चहेते जिलों को ही नसीब होती थी।
विपक्षी दलों के विरोध पर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने पलटवार करते हुए कहा कि यह सपा-बसपा के पाप रहे कि भ्रष्टाचार बढ़ता गया और बिजली कंपनियां भारी घाटे में चली गईं। सपा-बसपा के कार्यकाल में सिर्फ दरें बढ़ती थीं। भाजपा के कार्यकाल में दरें कम और बिजली आपूर्ति के घंटे ज्यादा बढ़े हैं। अब जिलों को 24, तहसील को 20 और गांव को 18 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है। पूर्व सरकारों में कोई रोस्टर नहीं था। बिजली सिर्फ चहेते जिलों को ही नसीब होती थी।