कम अंक पाने वाले को नियुक्ति का कोई सवाल नहीं न्यायमूर्ति मनीष कुमार ने सरकार द्वारा जवाब दाखिल किए जाने के बाद कहा कि याची पंकज यादव की याचिका पर कोई आदेश पारित करने की आवश्यकता नहीं है। याचिका में कहा गया था कि बेसिक शिक्षक भर्ती-2019 में याची से कम अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया पर अधिक अंक होने के बाद भी उसका नाम चयन सूची में नहीं था। न ही उसे काउंसलिंग के लिए बुलाया गया। इसी संबंध में याची के अधिवक्ता ने ये अपील दी थी कि अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी में याची के क्वालिटी प्वाइंट मार्क्स 71.1 फीसदी हैं जबकि इससे कम अंक पाने वाले को 98.78 फीसदी मार्क्स मिले। ज्यादा अंक हासिल करने वाले को काउंसलिंग के लिए नहीं बुलाया गया और कम अंक हासिल करने वाले को बुलाया गया, जो कि सही नहीं है। इस मामले में राज्य सरकार की तरफ से पेश हुए अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता रणविजय सिंह ने कहा कि कम अंक पाने वाले अभ्यर्थी को नियुक्ति देने का कोई सवाल ही नहीं उठता और अगर कोई गलती हुई है, तो उसे सुधारा जाएगा।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में 69000 शिक्षक भर्ती के लिए चयन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इन पदों के साक्षेप जून माह में 67867 अभ्यर्थियों की अनंतिम सूची जारी हुई थी, लेकिन काउंसिलिंग के पहले दिन ही हाईकोर्ट ने चयन पर रोक लगा दी थी। प्रदेश सरकार ने शीर्ष कोर्ट के 21 मई के आदेश पर 31661 पदों पर शिक्षक चयन को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया। शासन ने आदेश दिया कि चयनितों की नई सूची जून माह में जारी अंतिम सूची से ही बनाई जाए। आदेश के अनुसार, बेसिक शिक्षा परिषद ने 31277 पदों पर अभ्यर्थियों का अंतिम रूप से चयन करके सभी जिलों में भेजा। काउंसिलिंग के बाद सभी चयनितों को नियुक्ति पत्र दिया गया।