यह भी पढ़ें
Dev Deepawali: सोशल मीडिया पर भी छाई काशी की देव दीपावली, #DevDeepawali2024 हैशटैग टॉप ट्रेंड में, देखें खूबसूरत तस्वीरें
फ्री बिजली योजना: पंजीकरण में बाधा
किसानों का कहना है कि गलत बकाया दिखाने की वजह से वे योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। पावर कॉर्पोरेशन की नीति के अनुसार, बकाया होने पर पंजीकरण संभव नहीं। उदाहरण के लिए, किसान धरमूर सिंह पर ₹67,903 का काल्पनिक बकाया है, जिससे उनका पंजीकरण नहीं हो पा रहा। यह भी पढ़ें
New Year Gift IAS Promotion: नए साल में 115 आईएएस अफसरों को मिलेगा प्रमोशन का तोहफा: प्रमुख सचिव, सचिव और अन्य पदों पर होंगे नियुक्त
शिकायतों पर कोई सुनवाई नहीं
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने वेबिनार के दौरान बताया कि पावर कॉर्पोरेशन के शक्ति भवन में किसानों के बिल संशोधन से जुड़ी पत्रावली 6 महीने से लंबित है। किसानों ने बताया कि जब तक गलत बकाया का संशोधन नहीं होता, तब तक फर्जी बकाया उनके खातों में दिखता रहेगा।किसानों की समस्याएं
ओवर बिलिंग: किसानों पर वास्तविक खपत से अधिक बिल थोपे जा रहे।ओवर एस्टीमेट: नलकूपों और उपकरणों की लागत बढ़ाकर दिखाई जा रही।
बकाया दिखाने का खेल: बिल संशोधन प्रक्रिया धीमी होने से योजना का लाभ नहीं मिल रहा।
अधिकारियों की अनदेखी: किसानों की समस्याओं पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं।
यह भी पढ़ें
UP Politics: राम मंदिर: हमारी विरासत, सपा की खान मुबारक और मुख्तार – सीएम योगी का तीखा प्रहार
वेबिनार के दौरान किसानों की व्यथा
किसान फहद अहमद, मोहम्मद शकील, ब्रह्म दत्त शर्मा, विनय चौबे और अनुराग माही ने कहा कि ओवर बिलिंग और ओवर एस्टीमेट की समस्या हर गांव और किसान के लिए आम हो गई है। उन्होंने बताया कि पावर कॉर्पोरेशन में शिकायत करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती।मुख्य बातें
काल्पनिक बकाया: लाखों किसानों पर गलत बकाया दिखाकर योजना से वंचित किया जा रहा।पंजीकरण में बाधा: गलत बिल संशोधन न होने से किसान फ्री बिजली योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे।
सरकारी उदासीनता: 6 महीने से शिकायतों पर कोई निर्णय नहीं।
ओवर बिलिंग और ओवर एस्टीमेट: किसानों के लिए बड़ी समस्या बनी।
यह भी पढ़ें
UP Politics: सपा नेता उदयवीर सिंह का पलटवार: केशव मौर्य को कोई पूछ नहीं रहा, उनकी गिनती नहीं
समाधान के लिए सुझाव
तत्काल बिल संशोधन: 31 मार्च 2023 तक के सभी गलत बिलों का संशोधन किया जाए।जांच समिति का गठन: काल्पनिक बकाया और ओवर एस्टीमेट की शिकायतों की जांच हो।
डिजिटल पंजीकरण प्रक्रिया: किसानों को ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने की सुविधा दी जाए।
नियमों का पालन: पावर कॉर्पोरेशन को पारदर्शी नीति अपनानी चाहिए।