अतिरिक्त मुख्य सचिव (आबकारी), संजय भूसरेड्डी ने कहा कि व्यापार करने में आसानी और मौजूदा नियमों के सरलीकरण से नए उद्योगों की स्थापना और निवेश के नए अवसर पैदा हुए हैं। नई डिस्टिलरी की स्थापना से चीनी मिलों की वित्तीय स्थिति में सुधार करने में मदद मिली है, जिससे उनके लिए किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान करना आसान हो गया और अतिरिक्त रोजगार पैदा करने में भी मदद मिली है। निजी क्षेत्र में दस नई डिस्टिलरी स्थापित की गई हैं, जिसमें वृद्धि हुई है। राज्य में अब तक कुल स्थापित क्षमता 3,737 लाख लीटर और 1,133 करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है।
एसीएस ने बताया कि संभल, सोनभद्र और बाराबंकी में तीन नई शराब की भठ्ठी स्थापित होने जा रही है। इन यूनिटों की स्थापना से राज्य में बीयर उत्पादन बढ़कर 12.48 हेक्टेयर हो जाएगा और इन यूनिटों की स्थापना में उद्यमियों द्वारा पहले ही 165 करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है।
विभाग ने कानपुर, नोएडा, गाजियाबाद, गोरखपुर, प्रयागराज, मेरठ, आगरा, लखनऊ, मुरादाबाद और बरेली में माइक्रो ब्रेवरीज की स्थापना के लिए 12 लाइसेंस भी दिए हैं। भूसरेड्डी ने कहा माइक्रोब्रेवरीज की स्थापना में लगभग 12 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। राज्य में वाइनरी स्थापित करने के लिए आबकारी विभाग द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य में आम, जामुन, आड़ू जैसे सबट्रापिटल फल बहुतायत में उत्पादित होते हैं, जिनका उपयोग शराब के उत्पादन के लिए किया जा सकता है।