लखनऊ

UP Encounter Guidelines: यूपी में एनकाउंटर को लेकर नई गाइडलाइन जारी

UP Encounter Guidelines: उत्तर प्रदेश में पुलिस द्वारा अपराधियों के खिलाफ चल रही मुठभेड़ की कार्रवाईयों के मद्देनज़र, पुलिस मुख्यालय ने नई गाइडलाइन जारी की है। इन निर्देशों का उद्देश्य एनकाउंटर की पारदर्शिता और निष्पक्षता को सुनिश्चित करना है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने इन नियमों को लागू करने का निर्णय लिया है, जिससे मुठभेड़ों की सत्यता की पुष्टि की जा सकेगी और किसी भी प्रकार के मानवाधिकार उल्लंघन से बचा जा सकेगा।

लखनऊOct 22, 2024 / 07:30 am

Ritesh Singh

UP Encounter Guidelines

UP Encounter Guidelines: पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी की गई नई गाइडलाइन मुठभेड़ों की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए बनाई गई हैं। डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि हर मुठभेड़ की वीडियोग्राफी अनिवार्य होगी, खासकर जब किसी अपराधी की मौत होती है या वह घायल होता है। यह कदम मुठभेड़ों की निष्पक्षता को बढ़ावा देगा और संबंधित मुद्दों पर बहस को कम करेगा।

वीडियोग्राफी और पोस्टमार्टम प्रक्रिया

नई गाइडलाइन के तहत मुठभेड़ में मारे गए या घायल अपराधियों के शव का पोस्टमार्टम दो डॉक्टरों की एक संयुक्त टीम द्वारा किया जाएगा। इस प्रक्रिया की भी वीडियोग्राफी होगी। यह सुनिश्चित करेगा कि सभी प्रक्रियाएं सही तरीके से और निष्पक्षता से की जा रही हैं।
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वैज्ञानिक जांच का महत्व

घटनास्थल की जांच में विधि विज्ञान प्रयोगशाला (फॉरेंसिक लैब) के विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा। यह कदम जांच की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे निष्पक्ष और सटीक परिणाम प्राप्त किए जा सकें। संबंधित थाने की बजाय, मुठभेड़ की जांच किसी अन्य थाने या क्राइम ब्रांच को सौंपी जाएगी, जिससे पक्षपात की संभावना कम हो जाएगी।
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परिजनों को सूचित करना

अगर किसी मुठभेड़ में किसी की मौत होती है, तो उसके परिजनों को तुरंत सूचित किया जाएगा। यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे पीड़ित के परिवार के अधिकारों की रक्षा की जा सकेगी। पुलिसकर्मियों को भी मुठभेड़ों में शस्त्रों के सही और सुरक्षित उपयोग के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि कार्रवाई के दौरान कोई अनहोनी न हो।

बैलेस्टिक जांच का महत्व

मुठभेड़ के दौरान बरामद किए गए हथियारों की बैलेस्टिक जांच कराई जाएगी। यह सुनिश्चित करेगा कि ये हथियार कैसे और कहां इस्तेमाल किए गए थे। जांच की रिपोर्ट को केस डायरी में दर्ज किया जाएगा, ताकि भविष्य में कानूनी प्रक्रिया में इसे प्रमाणित किया जा सके।
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नई गाइडलाइन का उद्देश्य यूपी में एनकाउंटर की प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता लाना है। इससे कानून व्यवस्था में सुधार होगा और मानवाधिकार उल्लंघन की संभावनाएं कम होंगी। यूपी पुलिस द्वारा उठाए गए ये कदम निश्चित रूप से राज्य में अपराध के खिलाफ चल रहे अभियान को और प्रभावी बनाएंगे।

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