लखनऊ

UP Elections: कुंदरकी में भाजपा की ऐतिहासिक जीत: मुस्लिम वोटों में सेंध और सपा की अंतर्कलह ने पलटा खेल

UP Elections: कुंदरकी सीट पर भाजपा ने तीन दशकों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए सपा के गढ़ में बड़ी जीत दर्ज की। सपा की अंतर्कलह, मुस्लिम वोटों में फूट और भाजपा के बेहतरीन बूथ मैनेजमेंट ने सपा को भारी नुकसान पहुंचाया। भाजपा ने 1.70 लाख से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की। आइये जानते हैं कुछ खास बातें।

लखनऊNov 25, 2024 / 02:25 pm

Ritesh Singh

सीएम योगी की सक्रियता ने किया कमाल

UP Elections: उत्तर प्रदेश की कुंदरकी विधानसभा सीट पर भाजपा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की। यह सीट तीन दशकों तक सपा का गढ़ रही थी, लेकिन इस बार सपा अपनी रणनीति में चूक गई। भाजपा के बूथ मैनेजमेंट, मुस्लिम मतदाताओं तक उसकी पहुंच और सपा के भीतर चल रही अंतर्कलह ने चुनावी नतीजों को पलट दिया। सपा के गढ़ माने जाने वाले इस क्षेत्र में भाजपा ने 1.70 लाख से अधिक मतों के अंतर से जीत दर्ज की।

सपा की हार की बड़ी वजहें: अंतर्विरोध और रणनीति की चूक

सपा को इस हार का मुख्य कारण पार्टी के भीतर अंतर्कलह और मुस्लिम समुदाय में हुए विभाजन को माना जा रहा है। कुंदरकी में शेख और तुर्क समुदायों के बीच के अंतर्विरोध ने सपा के वोट बैंक को खंडित कर दिया। हाजी रिजवान को लेकर मुस्लिम मतदाताओं में असंतोष पहले से ही गहराया हुआ था, जिसे भाजपा ने अपनी रणनीति से भुनाया।
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सपा कुंदरकी में हवा का रुख समझने में विफल रही। पार्टी के आंतरिक झगड़ों और कमजोर प्रबंधन ने भाजपा को आगे बढ़ने का मौका दिया। भाजपा ने मुस्लिमों को अपने पक्ष में करने के लिए स्थानीय स्तर पर मुस्लिम पन्ना प्रमुख बनाए, अल्पसंख्यक सम्मेलन करवाए और एक मजबूत बूथ प्रबंधन प्रणाली तैयार की।

भाजपा की तैयारी और रामवीर सिंह की रणनीति

भाजपा प्रत्याशी रामवीर सिंह ने क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहकर मुस्लिम समुदाय से सीधा संपर्क बनाए रखा। पिछली दो बार चुनाव हारने और 2022 में टिकट कटने के बावजूद उन्होंने जनता के बीच अपनी पैठ बनाए रखी। भाजपा की ओर से मुस्लिमों को जोड़ने की कोशिश, रामवीर सिंह के जुड़ाव और बूथ मैनेजमेंट की सफलता ने इस जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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भाजपा ने कुंदरकी में सपा बनाम भाजपा का माहौल बनने नहीं दिया। पार्टी की रणनीति का हिस्सा यह भी था कि मुस्लिम मतदाताओं को सपा से दूर किया जाए। इस कार्य में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अहम भूमिका निभाई। उनकी ओर से धर्मपाल सिंह, गुलाब देवी, जेपीएस राठौर और जसवंत सैनी जैसे वरिष्ठ मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी गई, जिन्होंने कुंदरकी में डेरा डालकर चुनाव को भाजपा के पक्ष में मोड़ दिया।

भाजपा के मुस्लिम वोट बैंक में सेंध

मुस्लिम मतदाताओं को भाजपा से दूर रहने वाला समझा जाता रहा है, लेकिन इस बार भाजपा ने अपनी छवि को बदलने के लिए ठोस प्रयास किए। पार्टी ने अल्पसंख्यक सम्मेलन आयोजित किए और मुस्लिम पन्ना प्रमुख बनाकर समुदाय के मतदाताओं को पार्टी की तरफ आकर्षित किया। रामवीर सिंह ने मुस्लिम मतदाताओं को यह भरोसा दिलाने में सफलता हासिल की कि भाजपा उनकी भलाई के लिए काम करेगी।

सपा के लिए सबक: रणनीति और संगठन पर ध्यान देने की जरूरत

सपा के लिए कुंदरकी की हार एक बड़ा झटका है। यह सीट पिछले तीन दशकों से उसका गढ़ रही थी, लेकिन पार्टी आंतरिक कलह और कमजोर रणनीति के कारण इसे बचाने में असफल रही। मुस्लिम मतदाताओं के बीच पार्टी की पकड़ कमजोर हो गई, जिसे मजबूत करने की जरूरत है। सपा को संगठन में सुधार और बूथ स्तर पर प्रबंधन को सशक्त बनाने की आवश्यकता है।
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सीएम योगी की सक्रियता ने किया कमाल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस सीट पर जीत सुनिश्चित करने के लिए पार्टी की रणनीति को मजबूती से लागू किया। उन्होंने अपने मंत्रियों को सक्रिय रूप से इस क्षेत्र में काम करने के निर्देश दिए। इन मंत्रियों की मेहनत और पार्टी कार्यकर्ताओं की एकजुटता ने कुंदरकी में भाजपा की जीत का मार्ग प्रशस्त किया।

भविष्य की राजनीति पर असर

कुंदरकी में भाजपा की जीत का असर उत्तर प्रदेश की राजनीति पर भी पड़ेगा। सपा के मजबूत गढ़ को तोड़कर भाजपा ने यह साबित कर दिया कि वह हर सीट पर चुनौती पेश करने में सक्षम है। मुस्लिम मतदाताओं को अपने पक्ष में लाने की भाजपा की रणनीति आगामी चुनावों में भी देखने को मिल सकती है।
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मुख्य वजह 

सपा की हार में अंतर्कलह और मुस्लिम समुदाय का विभाजन मुख्य कारण।
भाजपा का बूथ प्रबंधन और मुस्लिम मतदाताओं तक पहुंच ने बदला खेल।
रामवीर सिंह की सक्रियता और मुख्यमंत्री योगी की रणनीति ने दिलाई जीत।
कुंदरकी में भाजपा ने 1.70 लाख से ज्यादा मतों से रचा इतिहास।
सपा के लिए संगठन और रणनीति में सुधार की जरूरत।

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