लखनऊ

Uttar Pradesh Assembly election 2022: क्या प्रियंका गांधी खोलेंगी यूपी में कांग्रेस की किस्मत, निशाने पर मुसलमान

– UP Assembly Election 2022 Updates
– प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) का मिशन 2022
– मुस्लिम वोटरों को जोड़ने का अभियान मदरसों से होगा शुरू
– प्रदेश के 2 लाख मदरसों की लिस्ट की तैयार
– सपा के खिलाफ अभियान किया शुरू

लखनऊJun 15, 2021 / 04:03 pm

नितिन श्रीवास्तव

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

लखनऊ.

को लेकर कांग्रेस पार्टी ने नये सिरे से अपनी तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी हर मोर्चे पर खुद को मजबूत करने की कोशिश कर रही है। प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के नेतृत्व में मिशन यूपी (UP Assembly election 2022) की तैयारी कर रही कांग्रेस का मेन फोकस अपने कोर मतदाताओं पर है और पार्टी उन्हीं को रिझाने की कोशिश में लगी है। इसी क्रम में अब हर जाति और धर्म के वोटबैंक को साधने के लिए कांग्रेस ने अलग-अलग प्लानिंग बनाई है। पार्टी सूत्रों की अगर मानें तो मुसलमानों के बीच पैठ बनाने के लिए कांग्रेस अब मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों का सहारा लेने जा रही है। इसके लिए कांग्रेस ने प्रदेश के लगभग दो लाख मदरसों की लिस्ट भी तैयार कर ली है।
यूपी के सभी जिलों में सौ मौलाना, उलेमा, सौ डॉक्टर, सौ अलग-अलग पेशे से जुड़े लोगों के साथ मिलकर और सभी जिलों के महिला समूहों को चुनकर उनके साथ लगातार संवाद करने में जुटी है। पार्टी मकसद सिर्फ और सिर्फ किसी भी तरह मुस्लिम वोट को एक जुट करके सपा-बसपा के पाले से अलग अपने साथ लाना है। इसके अलावा कांग्रेस का फोकस उन प्रत्याशियों पर भी है जो पिछले चुनाव में हारे थे। दरअसल पार्टी उनकों अपने साथ लाकर जनता की नब्ज टटोलना चाहती है। जिससे टिकट देते समय खास सतर्कता बरती जा सके।
मुस्लिमों को कांग्रेस से जोड़ने की कवायद

दरअसल कांग्रेस पार्टी का मानना है कि मुस्लिमों की उपेक्षा के चलते 1990 के बाद से अल्पसंख्यक वोट खिसक कर सपा और बसपा की ओर जाना शुरू हो गया, लेकिन इन पार्टियों में भी मुस्लिमों को तवज्जो नहीं मिली। यूपी में कांग्रेस के पास कोई मजबूत नेतृत्व नहीं था। इसके चलते मुस्लिम वोटर भाजपा के विरोध में सपा और बसपा के साथ जाने को मजबूर हुआ, जिसका फायदा दोनों पार्टियां उठाती रहीं, लेकिन अब यूपी कांग्रेस को प्रियंका गांधी के रुप में एक अच्छा नेतृत्व मिला है। इसलिए नए सिरे से मुस्लिमों को कांग्रेस से जोड़ने की कवायद शुरू की गई है।
मदरसों के बच्चों का सहारा लेगी कांग्रेस

मुस्लिम वोटों पर अच्छी पकड़ बनाने के लिए कांग्रेस अब मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों का भी सहारा लेने वाली है। इसको लेकर कांग्रेस ने हर मोर्चे पर तैयारी शुरू भी कर दी है। मुसलमानों के बीच पैठ बनाने के लिए कांग्रेस ने मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों का सहारा लेने की योजना बनाई है. इसके लिए प्रदेश के 2 लाख मदरसों की सूची तैयार की गई। दरअसल यूपी के ज्यादातर मुस्लिम बाहुल्य गांव, कस्बों और मोहल्लों में कई छोटे अनऑर्गनाइज्ड मदरसे हैं। कांग्रेस का फोकस इन्ही मदरसों पर है। यहां पढ़ाने वाले मौलानाओं और बच्चों के जरिये कांग्रेस मुस्लिम परिवारों को कांग्रेस के लिए एक जुट करने में लगी है। इस अभियान में लगे कांग्रेस के पदाधिकारियों की मानें तो इस तरह के छोटे-छोटे मदरसों की संख्या दो लाख से भी ज्यादा हैं। जिन सभी पर कांग्रेस काम कर रही है। इसके अलावा कोरोनाकाल में जिन मुसलमानों को दिक्कतें हुई हैं कांग्रेस उनकी मदद भी करेगी।
यह भी पढ़ें
Uttar Pradesh Assembly election 2022: क्या NDA से अलग होगा अपना दल, अखिलेश यादव के साथ आएंगी अनुप्रिया पटेल !

ओबीसी मुसलमानों को एकजुट करेगी कांग्रेस

इसके अलावा कांग्रेस का मुख्य लक्ष्य ओबीसी मुसलमानों को एकजुट करना है। कांग्रेस के लिए आगामी यूपी विधानसभा चुनाव में यह मुख्य समीकरण होगा, क्योंकि ओबीसी मुसलमानों की आबादी प्रदेश में कुल मुस्लिम आबादी की 80 फीसदी है। इसी के चलते कांग्रेस की जिन ओबीसी मुसलमानों पर खास नजर है उसमें सलमानी (नाई), सैफी (बढ़ई), मलिक (तेली), अंसारी (बुनकर), अब्बासी (भिस्ती), कुरैशी (कसाई), मंसूरी (धुनिया), अल्वी (फकीर) मुख्य रूप से शामिल हैं। कांग्रेस ने अल्पसंख्यकों को अपने साथ जोड़ने के लिए भी एक स्पीकअप माईनॉरिटी कैंपेन भी शुरु किया गया है। सोशल मीडिया के जरिए चलाए जा रहे इस कैंपेन में बताया जा रहा है कि किस तरह सपा की बीजेपी से अंदरूनी सांठगांठ रहती है। हर रविवार पार्टी इस कैंपेन को चला रही है।
यह भी पढ़ें
Uttar Pradesh Assembly election 2022: चुनाव जीतने के लिए विपक्षी एकता पर जोर, छोटे दल एकजुट होंगे

priyanka_gandhi_3.jpg
मुस्लिम ओबीसी पर खास नजर

कांग्रेस नेताओं के मुताबिक प्रदेश में करीब 8 से 10 फीसदी यादव हैं, जबकि मुस्लिम ओबीसी की संख्या इससे कहीं ज्यादा है। इसमें खासतौर पर अंसारियों की संख्या ज्यादा है। गोरखपुर में करीब चार लाख, मऊ में करीब साढ़े तीन लाख, बनारस में चार लाख, मुबारकपुर आजमगढ़ में करीब दो लाख, अंबेडकर नगर में करीब चार लाख अंसारी हैं। कुल मुस्लिम ओबीसी की करीब 60 फीसदी जनसंख्या अंसारियों की ही है। अंसारियों के बाद ओबीसी मुस्लिमों की एक और बड़ी आबादी वाले कुरैशियों को भी कांग्रेस से मजबूती से जोड़ने का अभियान चल रहा है।
यह भी पढ़ें

Uttar Pradesh Assembly election 2022: BJP किस विधायक को दोबारा देगी टिकट और किसका कटेगा पत्ता, ऐसे होगा फाइनल

priyanka_gandhi_5.jpg
कांग्रेस का फार्मूला

कांग्रेस के मुताबिक 2017 विधानसभा चुनाव में 47 फीसदू और लोकसभा में 20 फीसदी यादव वोट सपा के साथ गया था। अब बचे हुए मतदाताओं को कांग्रेस से जोड़ा जाएगा। कांग्रेस की 28 से 30 फीसदी वोट हासिल करने की कोशिश रहेगी। कांग्रेस के सर्वे से पता चला है कि ज्यादातर 30 फीसदी वोट हासिल करने पर सरकार बन जाएगी। जिसके बाद 20 फीसदी मुस्लिम वोटर्स को एकजुट होकर कांग्रेस के साथ आने की अपील की जा रही है। इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी से नाराज ब्राह्मण, गैर यादव ओबीसी और दलितों को भी कांग्रेस अपने साथ जोडने की कोशिश में है।
यह भी पढ़ें

UP Assembly election 2022: बुद्धालैंड या पूर्वांचल, आखिर फिर क्यों उठी यूपी के बंटवारे की बात

Hindi News / Lucknow / Uttar Pradesh Assembly election 2022: क्या प्रियंका गांधी खोलेंगी यूपी में कांग्रेस की किस्मत, निशाने पर मुसलमान

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.