लखनऊ. को लेकर कांग्रेस पार्टी ने नये सिरे से अपनी तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी हर मोर्चे पर खुद को मजबूत करने की कोशिश कर रही है। प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के नेतृत्व में मिशन यूपी (UP Assembly election 2022) की तैयारी कर रही कांग्रेस का मेन फोकस अपने कोर मतदाताओं पर है और पार्टी उन्हीं को रिझाने की कोशिश में लगी है। इसी क्रम में अब हर जाति और धर्म के वोटबैंक को साधने के लिए कांग्रेस ने अलग-अलग प्लानिंग बनाई है। पार्टी सूत्रों की अगर मानें तो मुसलमानों के बीच पैठ बनाने के लिए कांग्रेस अब मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों का सहारा लेने जा रही है। इसके लिए कांग्रेस ने प्रदेश के लगभग दो लाख मदरसों की लिस्ट भी तैयार कर ली है।
यूपी के सभी जिलों में सौ मौलाना, उलेमा, सौ डॉक्टर, सौ अलग-अलग पेशे से जुड़े लोगों के साथ मिलकर और सभी जिलों के महिला समूहों को चुनकर उनके साथ लगातार संवाद करने में जुटी है। पार्टी मकसद सिर्फ और सिर्फ किसी भी तरह मुस्लिम वोट को एक जुट करके सपा-बसपा के पाले से अलग अपने साथ लाना है। इसके अलावा कांग्रेस का फोकस उन प्रत्याशियों पर भी है जो पिछले चुनाव में हारे थे। दरअसल पार्टी उनकों अपने साथ लाकर जनता की नब्ज टटोलना चाहती है। जिससे टिकट देते समय खास सतर्कता बरती जा सके।
मुस्लिमों को कांग्रेस से जोड़ने की कवायद दरअसल कांग्रेस पार्टी का मानना है कि मुस्लिमों की उपेक्षा के चलते 1990 के बाद से अल्पसंख्यक वोट खिसक कर सपा और बसपा की ओर जाना शुरू हो गया, लेकिन इन पार्टियों में भी मुस्लिमों को तवज्जो नहीं मिली। यूपी में कांग्रेस के पास कोई मजबूत नेतृत्व नहीं था। इसके चलते मुस्लिम वोटर भाजपा के विरोध में सपा और बसपा के साथ जाने को मजबूर हुआ, जिसका फायदा दोनों पार्टियां उठाती रहीं, लेकिन अब यूपी कांग्रेस को प्रियंका गांधी के रुप में एक अच्छा नेतृत्व मिला है। इसलिए नए सिरे से मुस्लिमों को कांग्रेस से जोड़ने की कवायद शुरू की गई है।
मदरसों के बच्चों का सहारा लेगी कांग्रेस मुस्लिम वोटों पर अच्छी पकड़ बनाने के लिए कांग्रेस अब मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों का भी सहारा लेने वाली है। इसको लेकर कांग्रेस ने हर मोर्चे पर तैयारी शुरू भी कर दी है। मुसलमानों के बीच पैठ बनाने के लिए कांग्रेस ने मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों का सहारा लेने की योजना बनाई है. इसके लिए प्रदेश के 2 लाख मदरसों की सूची तैयार की गई। दरअसल यूपी के ज्यादातर मुस्लिम बाहुल्य गांव, कस्बों और मोहल्लों में कई छोटे अनऑर्गनाइज्ड मदरसे हैं। कांग्रेस का फोकस इन्ही मदरसों पर है। यहां पढ़ाने वाले मौलानाओं और बच्चों के जरिये कांग्रेस मुस्लिम परिवारों को कांग्रेस के लिए एक जुट करने में लगी है। इस अभियान में लगे कांग्रेस के पदाधिकारियों की मानें तो इस तरह के छोटे-छोटे मदरसों की संख्या दो लाख से भी ज्यादा हैं। जिन सभी पर कांग्रेस काम कर रही है। इसके अलावा कोरोनाकाल में जिन मुसलमानों को दिक्कतें हुई हैं कांग्रेस उनकी मदद भी करेगी।
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