लखनऊ

Uttar Pradesh Assembly election 2022 : बीजेपी की नैया पार लगाएंगे ये महारथी, चुनाव से पहले मिली बड़ी जिम्मेदारी

UP Assembly Election 2022 Updates: यूपी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी बीजेपी पहले जीत की जुगत में बीजेपी, जातीय संतुलन साधने में जुटी बीजेपी, भाजपा के सभी मोर्चों के प्रदेश अध्यक्ष घोषित

लखनऊJun 20, 2021 / 07:07 pm

Hariom Dwivedi

Uttar Pradesh Assembly election 2022 : बीजेपी की नैया पार लगाएंगे ये महारथी, चुनाव से पहले मिली बड़ी जिम्मेदारी

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. Uttar Pradesh Assembly election 2022 Updates: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (uttar pradesh assembly elections 2022) की तैयारियों में जुटी भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सभी सात मोर्चों के प्रदेश अध्यक्ष घोषित कर दिये हैं। इन चेहरों के जरिए भाजपा ने जातीय संतुलन साधने की कोशिश की है। खासकर, पिछड़ा वोट बैंक पार्टी से जुड़ा रहे, इसका पूरा ध्यान रखा गया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने राज्यसभा सांसद गीता शाक्य को महिला का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है वहीं, पूर्व प्रदेश मंत्री कामेश्वर सिंह को किसान मोर्चा, पूर्व सांसद नरेंद्र कश्यप को पिछड़ा वर्ग मोर्चा, संजय गोंड को अनुसूचित जनजाति मोर्चा, कुंअर बासित अली को अल्पसंख्यक मोर्चा, सांसद कौशल किशोर को अनुसूचित जाति मोर्चा और प्रांशुदत्त द्विवेदी को युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
महिला मोर्चा- गीता शाक्य
पेशे से शिक्षक गीता शाक्य को महिला मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। गीता शाक्य के जरिए भाजपा की नजर कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र के कानपुर देहात, औरैया, फर्रुखाबाद, कन्नौज, मैनपुरी, एटा, इटावा, फिरोजाबाद और आगरा जिलों के मतदाताओं पर है, जहां शाक्य, कुशवाहा मौर्य और सैनी मतदाता निर्णायक स्थिति में हैं। इससे पहले नवम्बर 2020 में भाजपा ने गीता शाक्य को राज्यसभा भेजा था। गीता शाक्य औरैया में भाजपा की जिलाध्यक्ष रह चुकी हैं। वर्ष 2009 के उपचुनाव में वह सपा के टिकट पर बिधूना विधानसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ चुकी हैं। उन्हें उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद का करीबी माना जाता है।
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पिछड़ा वर्ग मोर्चा- नरेंद्र कश्यप
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी शामिल हुए नरेंद्र कुमार कश्यप (Narendra Kumara Kashyap) को पिछड़ा वर्ग मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। बहुजन समाज पार्टी से राजनीतिक करियर शुरू करने वाले नरेंद्र कश्यप बसपा से दो बार एमएलसी चुने गये। 2010-2016 तक राज्यसभा सांसद गये। गाजियाबाद जिले के रहने वाले नरेंद्र कश्यप पिछड़ा वर्ग के बड़े नेता माने जाते हैं। निषाद समाज से आने वाले नरेंद्र कश्यप बाथम, कश्यप, निषादों की आवाज उठाते रहे हैं। भाजपा में भी वह ओबीसी मोर्चा की प्रबंधन समिति में रहे हैं। माना जा रहा है कि आगामी चुनाव में इनकी सक्रियता बीजेपी के लिए फायदेमंद होगी।
एससी मोर्चा- कौशल किशोर
मोहनलालगंज से लगातार दूसरी बार सांसद रहे कौशल किशोर (Kaushal Kishor) को अनसूचित जाति मोर्चा का जिम्मेदारी सौंपी गई है। दलित वर्ग में मजबूत पकड़ के कारण भाजपा ने उन्हें फिर से एससी मोर्चा का अध्यक्ष बनाया है। इससे पहले वर्ष 2002 में वह महिलाबाद सीट से विधायक चुने गये थे। मुलायम सरकार में वह मंत्री भी रहे। कौशल किशोर लगातार सोशल मीडिया पर भी सक्रिय रहते हैं और शराबबंदी को लेकर अभियान भी चला रहे हैं।
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किसान मोर्चा- कामेश्वर सिंह
किसान मोर्चा की कमान ठाकुर बिरादरी के कामेश्वर सिंह (Kameshwar Singh) को सौंपी गई है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की छात्र राजनीति से पॉलिटकल करियर शुरू करने वाले कामेश्वर सिंह की पूर्वांचल के ठाकुरों के बीच मजबूत पकड़ मानी जाती है। ठाकुर वोटरों को बीजेपी से जुड़ाव बना रहे है, इसलिए कामेश्वर सिंह को नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनकी राजनीति का केंद्र बिंदु गोरखपुर ही रहा है। मूल रूप से देवरिया के रहने वाले कामेश्वर सिंह दो बार बीजेपी के प्रदेश मंत्री रहे।
युवा मोर्चा- प्रांशुदत्त द्विवेदी
भारतीय जनता पार्टी ने ब्राह्मण चेहरा प्रांशुदत्त द्विवेदी (Pranshudatta Dwivedi) को युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। इससे पहले प्रांशुदत्त के पास बीजेपी के प्रदेश मंत्री की जिम्मेदारी थी। विद्यार्थी परिषद से राजनीतिक करियर शुरू करने वाले प्रांशुदत्त द्विवेदी ने भाजयुमो के मंडल उपाध्यक्ष से राष्ट्रीय मंत्री तक का सफर तय किया। उन्हें बीजेपी का तेजी से उभरता हुआ ब्राह्मण चेहरा माना जा रहा है।
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अल्पसंख्यक मोर्चा- बासित अली
सीएए आंदोलन के समय मजबूती सरकार व भाजपा का पक्ष रखने वाले कुंवर बासित अली को ईनाम के तौर पर उन्हें बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इससे पहले वह मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के सह-संयोजक और मेरठ में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं। वर्तमान में वह उत्तर प्रदेश ऊर्दू अकादमी के सदस्य भी हैं।
अनुसूचित जनजाति मोर्चा- संजय गोंड
भारतीय जनता पार्टी ने संजय गोंड (Sanjay Gond) को अनुसूचित जनजाति मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। संजय के सहारे बीजेपी पूर्वांचल के गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, बलिया और सोनभद्र की प्रमुख गोंड जनजाति को पार्टी के साथ जोड़े रखना चाहती है।
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